Latif al-Ani (Iraq), Eid festivities in Baghdad, 1959.

लतीफ़ अल-अनी (इराक़), बग़दाद में ईद उत्सव, 1959।

 

प्यारे दोस्तों,

ट्राईकॉन्टिनेंटल: सामाजिक शोध संस्थान की ओर से अभिवादन।

12 जुलाई 2007 को, दो यूएस एएच-64 अपाचे हेलीकॉप्टरों ने न्यू बग़दाद में इराक़ी नागरिकों के एक समूह पर 30-मिलीमीटर तोप के गोल दागे। अमेरिकी सेना के इन बंदूक़धारियों ने कम-से-कम एक दर्जन लोगों की हत्या कर दी, जिनमें रॉयटर्स के फ़ोटोग्राफ़र नामिर नूर-एल्डीन और उनके ड्राइवर सईद चमघ शामिल थे। रॉयटर्स ने तुरंत अमेरिका से हत्या की जाँच करने को कहा। इसके बजाय, अमेरिकी सरकार द्वारा उन्हें एक  आधिकारिक कहानी सुनाई गई जिसमें कहा गया कि ब्रावो कंपनी, 2-16 पैदल सेना के सैनिकों पर अल-अमीन अल-थानियाह इलाक़े से छोटे हथियारों से हमला किया गया था। सैनिकों ने हवाई हमले किए और उस इलाक़े में घुस आए विद्रोहियों से उस इलाक़े को ख़ाली कराया गया। रॉयटर्स के पास सूचना थी कि हेलीकॉप्टरों ने हमले को फ़िल्माया था, और इसलिए मीडिया हाउस ने अमेरिकी सेना से वीडियो देने का अनुरोध किया। संयुक्त राज्य अमेरिका ने यह दावा करते हुए मना कर दिया कि ऐसा कोई वीडियो नहीं है।

 

Hanaa Malallah (Iraq), She/He Has No Picture (detail), 2019.

हाना मलालाह (इराक़), उसकी कोई तस्वीर नहीं है (विस्तार), 2019.

 

दो साल बाद, वाशिंगटन पोस्ट के रिपोर्टर डेविड फिंकेल ने द गुड सोल्जर्स से एक किताब प्रकाशित की, जो किताब 2-16 बटालियन के दौरान के उनके अनुभवों पर आधारित है। फ़िंकेल अल-अमीन अल-थानियाह इलाक़े के सैनिकों के साथ थे, जब उन्होंने अपाचे हेलीकॉप्टरों के हमले को देखा। उन्होंने अमेरिकी सेना का बचाव करते हुए लिखा कि ‘अपाचे चालक दल ने आक्रमण के नियमों का पालन किया था’ और ‘सभी ने उचित कार्य किया था’। सैनिक, फ़िंकेल ने लिखा, ‘अच्छे सैनिक थे, और रात के खाने का समय आ गया था’। अपने संस्मरणात्मक अनुभव में, फ़िंकेल ने स्पष्ट किया कि उन्होंने घटना का एक वीडियो देखा था, हालाँकि अमेरिकी सरकार ने रॉयटर्स और मानवाधिकार संगठनों के सामने इस तरह के किसी वीडियो के अस्तित्व से इनकार किया था।

5 जनवरी 2010 को, इराक़ में एक अमेरिकी सैनिक, चेल्सी मैनिंग ने युद्ध से संबंधित दस्तावेज़ों और वीडियो का एक हिस्सा कॉम्पैक्ट डिस्क पर डाउनलोड किया और उन्हें अपने साथ संयुक्त राज्य अमेरिका वापस ले गईं। 21 फ़रवरी 2010 को, मैनिंग ने इराक़ से संबंधित सामग्री विकीलीक्स संगठन को सौंप दी, जिसे 2006 में ऑस्ट्रेलियाई नागरिक जूलियन असांजे के नेतृत्व में लोगों के एक समूह द्वारा स्थापित किया गया था। विकीलीक्स और असांजे ने फ़ुटेज को देखा और 5 अप्रैल 2010 को ‘कोलेटरल मर्डर’ शीर्षक के तहत अपाचे हेलीकॉप्टर से बनाया गया पूरा वीडियो अपनी वेबसाइट पर प्रकाशित किया।

 

विकीलीक्स, कोलेटरल मर्डर, 2007.

 

वीडियो भयावह है। यह पायलटों की भयावह अमानवीयता को दर्शाता है। ज़मीन पर मौजूद लोग किसी पर गोली नहीं चला रहे थे, लेकिन पायलट अंधाधुंध फ़ायरिंग कर रहे थे। उनमें से एक कहता है, ‘उन मरे हुए कमीनों को देखो’; नागरिकों पर गोली चलाने के बाद दूसरा कहता है, ‘बहुत अच्छा’। एक वैन चालक, सालेह मुताशर तुमन, घटनास्थल पर जाता है, रुकता है, और सईद चमघ सहित घायलों की मदद के लिए बाहर निकलता है। पायलट वैन पर हमला करने की अनुमति का अनुरोध करते हैं; उन्हें तुरंत इसकी अनुमति मिल जाती है और वे हमला शुरू कर देते हैं। कुछ मिनट बाद, सेना विशेषज्ञ एथन मैककॉर्ड – 2-16 बटालियन का हिस्सा जिसमें फ़िंकेल एम्बेडेड था – ज़मीन पर जाकर सर्वेक्षण करता है। 2010 में, मैककॉर्ड ने वायर्ड के किम जेट्टर को बताया कि उन्होंने क्या देखा था: ‘मैंने पहले कभी किसी को 30-मिलीमीटर राउंड से गोली मारते नहीं देखा। यह वास्तविक नहीं लग रहा था, इस अर्थ में कि यह इंसानों की तरह नहीं दिख रहा था। उन्हें नष्ट कर दिया गया था’।

मैककॉर्ड और अन्य सैनिकों ने देखा तो वैन में सज्जाद मुताशर (उम्र 10) और दोहा मुताशर (उम्र 5) को बुरी तरह से घायल पाया; उनके पिता सालेह ज़मीन पर मरे हुए थे। वीडियो में पायलट ने देखा कि वैन में बच्चे हैं; उन्होंने बेरुख़ी से कहा, ‘ठीक है। बच्चों को लड़ाई में लाना उनकी ग़लती है’। जब विकीलीक्स ने वीडियो जारी किया, तब बारह वर्षीय सज्जाद मुताशर ने कहा, ‘मैं उन अमेरिकियों से अपना अधिकार प्राप्त करना चाहता हूँ जिन्होंने हमें नुक़सान पहुँचाया’। उनकी माँ, अहलम अब्देलहुसैन तुमान ने कहा, ‘मैं चाहती हूँ कि अमेरिकी लोग और पूरी दुनिया यह समझे कि यहाँ इराक़ में क्या हुआ था। हमने अपना देश खो दिया और हमारी ज़िंदगी तबाह हो गई’। उन्हें चुप करा दिया गया। सज्जाद, जो आंशिक रूप से अपनी चोटों से उबर गया था, मार्च 2021 में बग़दाद में एक कार बम से मारा गया।

पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा के प्रेस सचिव रॉबर्ट गिब्स ने अप्रैल 2010 में कहा था कि वीडियो में दर्शाई गई घटनाएँ ‘बेहद दुखद’ थीं। लेकिन अब ऐसी बातों का क्या मतलब था। इस वीडियो ने दुनिया को इराक़ पर अमेरिकी युद्ध का वास्तविक चरित्र दिखाया, जिसे संयुक्त राष्ट्र महासचिव कोफी अन्नान ने अवैध बताया। न तो अमेरिकी राष्ट्रपति जॉर्ज डब्ल्यू बुश और न ही ब्रिटेन के प्रधान मंत्री टोनी ब्लेयर को इराक़ के ख़िलाफ़ अपने युद्ध की अवैधता के आरोप का जवाब देना पड़ा है, हालाँकि इराक़ी पत्रकार मुंतधर अल-ज़ैदी ने 2008 में बग़दाद में बुश पर यह कहते हुए अपने जूते फेंके थे, ‘यह इराक़ी लोगों की ओर से एक विदाई भेंट है, यू डॉग’, और फ़िल्म निर्माता डेविड लॉली-वेकेलिन ने 2012 में लेवेसन पूछताछ में ब्लेयर की गवाही को बाधित किया था ताकि उन्हें युद्ध अपराधी कहा जा सके।

 

Ali Talib (Iraq), Mesopotamia, 2004.

अली तालिब (इराक़), मेसोपोटामिया, 2004.

 

जब विकीलीक्स और असांजे ने वह वीडियो जारी किया, तो उन्होंने संयुक्त राज्य अमेरिका सरकार को शर्मिंदा किया। मानवीय युद्ध के उसके सभी दावों की विश्वसनीयता ख़त्म हो गई। इस घटना के बाद से अमेरिकी सरकार – चाहे ओबामा, ट्रम्प, या बाइडेन की सरकार हो – ने असांजे को दंडित करने की माँग की। असांजे को संयुक्त राज्य अमेरिका लाया गया और जेल में डाल दिया गया। अमेरिकी युद्ध की सच्चाई का ख़ुलासा करने के बाद किसी को भी छोड़ा नहीं जा रहा था।

2019 में, इक्वाडोर की सरकार ने असांजे को अपने लंदन दूतावास में और अधिक समय के लिए शरण देने से इनकार कर दिया और उन्हें ब्रिटिश अधिकारियों के हवाले कर दिया। कुछ दिनों बाद, ब्रिटिश सरकार ने समझाया कि उसने विकीलीक्स के संस्थापक को बेलमर्श जेल में क्यों बिठा रखा था: ‘हम पुष्टि कर सकते हैं कि जूलियन असांजे को संयुक्त राज्य अमेरिका से एक अस्थायी प्रत्यर्पण अनुरोध के संबंध में गिरफ़्तार किया गया था। वह संयुक्त राज्य अमेरिका में कंप्यूटर से संबंधित अपराधों के आरोपी हैं।’ अमेरिकी न्याय विभाग ने कहा कि असांजे ‘कंप्यूटर हैकिंग की साज़िश’ के लिए वांछित थे। लेकिन असांजे ने किसी भी कंप्यूटर को हैक नहीं किया। सामग्री को चेल्सी मैनिंग द्वारा एकत्र किया गया था, जिन्होंने इसे विकीलीक्स पर प्रकाशित किया, जिन्होंने इसे कई मीडिया आउटलेट्स पर भी प्रकाशित किया। असांजे पत्रकार और प्रकाशक हैं, हैकर नहीं। यह पत्रकारिता है जिसे दंडित किया जा रहा है।

यही कारण है कि दुनिया भर के आठ मीडिया घराने हाल ही में ब्रिटिश अदालत के फ़ैसले पर एक बयान जारी करने के लिए एक साथ आए हैं क्योंकि असांजे को संयुक्त राज्य में प्रत्यर्पित किया जा सकता है। यह बयान नीचे दिया जा रहा है :

10 दिसंबर, मानवाधिकार दिवस के अवसर पर एक ब्रिटिश अदालत ने एक फ़ैसला सुनाया जो पत्रकार और प्रकाशक जूलियन असांजे के संयुक्त राज्य अमेरिका के प्रत्यर्पण का रास्ता साफ़ करता है। यदि प्रत्यर्पण हो जाता है, तो असांजे को कुख्यात जासूसी अधिनियम के तहत अमेरिका में आपराधिक मुक़दमे का सामना करना पड़ेगा, और यदि दोषी ठहराया जाता है, तो वह अपना शेष जीवन जेल में बिता सकते हैं।

जूलियन असांजे और उनके संगठन विकीलीक्स ने चेल्सी मैनिंग जैसे व्हिसल-ब्लोअर से प्राप्त महत्वपूर्ण जानकारी प्रकाशित की, जिसने इराक़ और अफ़ग़ानिस्तान में अमेरिकी युद्ध अपराधों और अत्याचारों का विवरण पेश किया। इसमें कोलेटरल मर्डर भी शामिल है। जो भयावह वीडियो प्रकाशित किया गया  है उसमें अमेरिकी सैन्य कर्मियों को दो पत्रकारों सहित इराक़ी नागरिकों की हत्या करते हुए दिखाया गया है। विकीलीक्स के ख़ुलासे ने दुनिया भर की सरकारों द्वारा भ्रष्टाचार और मानवाधिकारों के उल्लंघन को भी उजागर किया, और इन रिपोर्टों को विश्व स्तर पर मीडिया संगठनों द्वारा प्रकाशित और उद्धृत किया गया है।

पत्रकारिता के इस अपराध के लिए जूलियन असांजे को एक दशक से अधिक समय से सताया जा रहा है। वह जासूसी अधिनियम के तहत आरोपित होने वाले पहले प्रकाशक हैं। दुनिया भर में अमेरिकी सरकार और उसके सहयोगियों ने इस तथ्य को स्वीकार करने से इनकार कर दिया है कि असांजे एक पत्रकार हैं। इस प्रकार जूलियन असांजे का उत्पीड़न पत्रकारिता, प्रेस की स्वतंत्रता और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर एक मौलिक हमला है।

हम, जिन मीडिया संगठनों ने नीचे हस्ताक्षर किया है, जूलियन असांजे और पत्रकारिता पर इस हमले को ख़ारिज करते हैं और इसकी निंदा करते हैं। जब तक जूलियन असांजे और विकीलीक्स का उत्पीड़न जारी रहेगा, प्रेस की स्वतंत्रता एक खोखली बात बनी रहेगी।

एआरजी मेडिओस, ब्रासील डे फाटो, ब्रेकथ्रू न्यूज़, मदार, न्यूज़क्लिक, न्यू फ़्रेम, पैन अफ़्रीकन टीवी और पीपुल्स डिस्पैच।

 

 

2004 में, इराक़ी कलाकार नुहा अल-रदी की मृत्यु यूरेनियम के क्षय के कारण होने वाले ल्यूकेमिया से हुई, जिसका उपयोग संयुक्त राज्य अमेरिका ने इराक़ में किया था। उनकी मनोरम पुस्तक, बग़दाद डायरीज़: ए वूमन क्रॉनिकल ऑफ़ वॉर एंड एक्ज़ाइल (2003) हमें 1991 में इराक़ पर अमेरिकी बमबारी के दौरान अपने मूल निवास बग़दाद में सभी जीवित प्राणियों द्वारा सहन की गई पीड़ा के बारे में बताती है: ‘पक्षियों ने सबसे बुरी मार पड़ी है। उनके पास संवेदनशील आत्माएँ हैं जो इस भयानक शोर और कंपन को सहन नहीं कर सकती हैं। धमाकों के झटके से सभी पिंजरे में बंद लव-बर्ड्स की मौत हो गई है, जबकि जंगल में पक्षी उन्मुक्त उड़ते हैं और कलाबाज़ी करते हैं। सैकड़ों नहीं तो हज़ारों की मौत बाग़ में हो चुकी है। अकेले बचे हुए पक्षी विचलित अंदाज़ में उड़ते हैं’।

28 जनवरी 2007 को, अमेरिकी सेना के अपाचे हेलीकॉप्टर द्वारा मारे जाने से कुछ महीने पहले, नमीर नूर-एल्दीन बग़दाद के आदिल ज़िले के एक माध्यमिक विद्यालय में गए, जहाँ एक मोर्टार हमले में पाँच महिला विद्यार्थियों की मौत हो गई थी। नूर-एल्दीन ने एक युवा लड़के की तस्वीर ली, जो ख़ून से लथपथ था और उसकी बाँह के नीचे फ़ुटबॉल था। चमकीले लाल रक्त के पास स्कूल की कुछ किताबें बिखरी हुई थीं। यह नूर-एल्दीन की मानवीय आँखें थीं जिसने यह शक्तिशाली तस्वीर ली थी जो इराक़ में अब सामान्य बात हो गई थी। अमेरिका के अवैध युद्ध ने उनके देश के साथ यही बर्ताव किया है।

नूर-एल्दीन की मौत के बारे में कहानी प्रकाशित करने वाले असांजे अपनी कोठरी में बैठे हैं, प्रत्यर्पित होने की प्रतीक्षा कर रहे हैं। उच्च न्यायालय के फ़ैसले के बाद, पत्रकार जॉन पिल्गर ने कहा, ‘हाल ही में, मैंने लंदन के कनॉट स्क्वायर में टोनी ब्लेयर की 8 मिलियन पाउंड की हवेली को पार किया। यह बेलमर्श जेल से एक धंटे की दूरी पर है, जहाँ जूलियन असांजे एक छोट-सी कोठरी में “रहते हैं”। यह ब्रिटेन क्रिसमस 2021 है: युद्ध अपराधी को पुरस्कृत किया गया, सच बोलने वाले को सज़ा दी गई, शायद मौत की सज़ा ‘।

स्नेह-सहित;

विजय।