विक्टर बस्तेर्रा (अर्जेंटीना) द्वारा ली गई तस्वीर / डेनिएला रग्गेरी द्वारा बनाया गया कोलाज, अज्ञात पीड़िता तथा नेवीस्कूल ऑफ़ मैकेनिक्स के क़ैदी (ईएसएमए), 1976-1983.

 

प्यारे दोस्तों,

ट्राईकॉन्टिनेंटल: सामाजिक शोध संस्थान की ओर से अभिवादन।

लोकतंत्र के लिए अमेरिकी विदेश विभाग के शिखर सम्मेलन (9-10 दिसंबर) में, अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने ‘लोकतंत्र को मज़बूत करने और विश्व स्तर पर मानवाधिकारों की रक्षा’ करने के लिए कई तरह के पहल की घोषणा की। इन उपायों के लिए संयुक्त राज्य अमेरिका 4244 लाख डॉलर ख़र्च करेगा। यह पैसा उन्हीं संस्थानों को दिया जाएगा जो – पिछले साठ वर्षों से – ईरान (1953) और ग्वाटेमाला (1954) से लेकर होंडुरास (2009) और बोलीविया (2019) तक लोकतांत्रिक प्रक्रियाओं की संप्रभुता को कमज़ोर करने के लिए हस्तक्षेप कर रहे हैं। संयुक्त राज्य अमेरिका का पूरा ध्यान उन सरकारों के ख़िलाफ़ झूठी कहानी गढ़ने पर होता जो भ्रष्ट अमेरिकी वर्चस्व को मानने से इंकार कर देते हैं- जैसा कि ब्राज़ील के पूर्व राष्ट्रपति डिल्मा रूसेफ़ और लूला डा सिल्वा के ख़िलाफ़ ‘सॉफ्ट तख़्तापलट’ के मामले में हुआ था। संयुक्त राज्य अमेरिका अपने उन सहयोगियों को भी बचाने का भरपूर प्रयास करता है जिसपर भ्रष्टाचार के मामले साबित हो चुके हों- जैसे कि निवर्तमान होंडुरन राष्ट्रपति जुआन ऑरलैंडो हर्नांडेज़, हाल में हुए राष्ट्रपति चुनाव में जिनके राजनीतिक गठबंधन को वामपंथियों ने हराया था। वाशिंगटन के ये उपाय ‘पृथ्वी को अस्थिर करने की योजना‘ है, जो हाल ही में छब्बीस शोध संस्थानों द्वारा शुरू किए गए ‘पृथ्वी को बचाने की योजना‘ के बिलकुल उलट है।

 

बाइडेन का ध्यान क्यूबा और वेनेजुएला, चीन और रूस, ईरान और ज़िम्बाब्वे जैसे देशों पर है। डोनाल्ड ट्रम्प के राष्ट्रपति काल के दौरान चाहे जितनी भी निराशा की भावना रही हो, लेकिन वैश्विक स्तर पर धुर दक्षिणपंथ के विस्तार तथा एकीकरण को लेकर उदारवादियों के अंदर कोई ख़ास बेचैनी नहीं थी। अगर कोई लोकतंत्र के लिए किए जाने वाले इस सम्मेलन में यह सोचकर गया होगा कि इसमें लैटिन अमेरिका में दक्षिणपंथी ताक़तों के मज़बूत होने या यूरोप में दक्षिणपंथी ताक़तों द्वारा सकते शिकंजे पर चिंता व्यक्त की जाएगी, तो उसे निराशा ही हाथ लगी होगी। अमेरिकी उदारवाद फ़ासीवादी सरकारों के भयानक दुःस्वप्न से कहीं अधिक स्वतंत्र, संप्रभु राजनीतिक परियोजनाओं के निर्माण के प्रयासों से डरता है।

रिपब्लिकन अमेरिकी सीनेटर मार्को रुबियो वामपंथियों को अस्थिर करने और दुनिया भर में धुर-दक्षिणपंथी सरकारों की स्थापना के लिए वाशिंगटन के राजदूत के रूप में प्रभावी ढंग से काम करते हैं। क्यूबा की जनता और सोलोमन द्वीप की जनता की ज़िंदगी में दख़ल देने के वाले रुबियो ने हाल ही में चिली के दक्षिणपंथी जोस एंटोनियो कास्ट से मुलाक़ात की और लैटिन अमेरिका में समाजवादी ताक़तों के प्रगति के प्रति अपनी दुर्भावना के बारे में चर्चा की। इस बीच, स्पैनिश धुर दक्षिणपंथी पार्टी वोक्स के नेता सैंटियागो अबस्कल ने अमेरिका की यात्रा की और दक्षिणपंथी थिंक टैंक डिस्सेंट फ़ाउंडेशन (फंडासियन डिसेन्सो) तथा दक्षिणपंथी राजनीतिक नेटवर्क मैड्रिड फ़ोरम (फ़ोरो मैड्रिड) बनाने के लिए रिपब्लिकन पार्टी और हेरिटेज फ़ाउंडेशन के लोगों से मुलाक़ात की। वोक्स-प्रेरित चार्टर ऑफ़ मैड्रिड: इन डिफ़ेंस ऑफ़ फ़्रीडम एंड डेमोक्रेसी इन बेरोस्फीयर में स्पेन और लैटिन अमेरिका दोनों में वामपंथियों के उदय के बारे में सचेत किया गया है, अतिरंजित भाषा का उपयोग करते हुए वामपंथियों के नेतृत्व वाली सरकारों के ‘अधिनायकवादी दास्ता’ के ​​बारे में बताया गया है, और चेतावनी दी गई है कि कैसे ‘साम्यवाद की प्रगति समृद्धि और विकास के लिए एक गंभीर ख़तरा है’। यह रिपोर्ट जनता के मन में डर पैदा करके स्वयं वामपंथ के ऊपर अपना वर्चस्ववादी एजेंडा थोपती है। मैड्रिड फ़ोरम ने ब्राज़ील के धुर दक्षिणपंथी (राष्ट्रपति जायर बोल्सोनारो के पीछे लामबंद) और पुर्तगाली धुर दक्षिणपंथी (CHEGA) को एक साथ ला दिया है, जिसे वाशिंगटन और यूरोपीय राजधानियों में दक्षिणपंथी राजनीतिक ताक़तों का आशीर्वाद प्राप्त है।

 

मैड्रिड फ़ोरम के निर्माण के पीछे क्या प्रेरणा रही है इसके बारे में वोक्स इशारा करता है कि स्पेनिश सरकार में कम्युनिस्ट पार्टी की भूमिका, लैटिन अमेरिका में दो मंचों का निर्माण (साओ पाउलो फ़ोरम, 1990 में स्थापित, और पुएब्ला समूह, 2019 में स्थापित), और बोलीविया से निकारागुआ तक वामपंथियों की चुनावी जीत के बाद इसकी आवश्यकता महसूस हुई। वोक्स जैसी धुर दक्षिणपंथी ताक़तों के लिए ऐसे चुनावी परिणाम और क्यूबा तथा वेनेजुएला में क्रांतिकारी प्रक्रियाओं की रक्षा के ख़िलाफ़ किसी भी तरह से लड़ने की ज़रूरत है। विनाशकारी तख़्तापलट का इतिहास और विरासत इन लोगों के भरोसे ही आगे बढ़ता है, जिनकी लोकतांत्रिक सिद्धांतों और संस्थानों के प्रति प्रतिबद्धता बेहद सीमित है। डिस्सेंट फ़ाउंडेशन और इसी तरह के अन्य प्रयासों को वामपंथी सरकारों और वामपंथी आंदोलनों को अवैध घोषित करने, उनके कामों को ग़लत और झूठे ढंग से पेश करने और फिर अमेरिका द्वारा संचालित हाइब्रिड युद्ध के लिए क्षेत्रीय समर्थन की पेशकश करने के लिए डिज़ाइन किया गया है। वामपंथियों (साओ पाउलो फ़ोरम या पुएब्ला ग्रुप) की किसी भी ऐसी सभा ने कभी इस तरह की राजनीति पर ज़ोर नहीं दिया। इसके बजाय, उनका लक्ष्य सहयोग को मज़बूत करने के तरीक़े खोजना और नीतिगत पहलों के बारे में एक-दूसरे से सीखना, साम्राज्यवाद और नवउदारवाद दोनों को कमज़ोर करना तथा मानव जाति के हितों को आगे बढ़ाना रहा है। इबेरोस्फीयर (वे देश जो कभी स्पेन तथा पुर्तगाल के उपनिवेश थे) में प्रगति के दो पक्ष हैं: वामपंथी सहयोग की एक परियोजना को चलाने की कोशिश कर रहे हे, जबकि दक्षिणपंथी टकराव की सेनाओं का निर्माण कर रहे हैं।

यूरोप में भी दक्षिणपंथ इसी तरह की चाल चल रहा है, हालाँकि उसके परिणाम सीमित हैं। पिछले कुछ वर्षों में, ब्रुसेल्स और वारसॉ के बीच कई बैठकें हुई हैं, लेकिन एकता के बारे में अस्पष्ट बयान जारी करने के अलावा, ज़मीनी स्तर पर बहुत कम राजनीतिक समन्वय हुआ है। ‘रूस’ और ‘यूरोपीय संघ’ ‘वेनेजुएला’ और ‘क्यूबा’ के लिए खड़े हैं, अतिशयोक्तिपूर्ण भाषा के साथ हंगरी के विक्टर ओर्बन और पोलैंड के जारोस्लाव कैज़िन्स्की के सत्तारूढ़ दलों के वास्तविक ख़तरे को सामना लाने का प्रयास किया गया है। ये दक्षिणपंथी समूह यूरोपीय संसद में दो गुटों में प्रतिस्पर्धा करते हैं: पोलैंड के धुर दक्षिणपंथी प्रभुत्व वाला यूरोपीय रूढ़िवादी और सुधारवादी गुट, और फ़्रांस तथा इटली के धुर दक्षिणपंथी प्रभुत्व वाला पहचान और लोकतंत्र समूह।

 

 

हमारा नवीनतम डोज़ियर, न्यू क्लॉथ्स, ओल्ड थ्रेड्स: द डेंजरस राइट-विंग ऑफेंसिव इन लैटिन अमेरिका (दिसंबर 2021), [जिसका हिंदी अनुवाद जल्द ही आपके बीच होगा] लैटिन अमेरिका में दक्षिणपंथ के उदय के माध्यम से एक विचारशील यात्रा पर लेकर जाता है। डोज़ियर विभिन्न दक्षिणपंथी ताक़तों की खोज करता है, प्रमुख पूँजीवादी हितों के साथ उनके संबंधों के संदर्भ में उनका आकलन करता है और तीन परिकल्पनाओं का परीक्षण करता है, जिनमें से प्रत्येक परिकल्पना में दक्षिणपंथ के विश्लेषण के लिए बहुत कुछ है:

  1. प्रमुख पूँजीवादी ताक़तें यह मानती हैं कि बुर्जुआ व्यवस्था संकट में है और वामपंथ ने अपना प्रभाव बढ़ाना शुरू कर दिया है। वामपंथ के प्रभुत्व को रोकने के लिए उत्सुक, शासक वर्ग काफ़ी आराम से ख़ुद को धुर दक्षिणपंथी ताक़तों के साथ और सरकार के एक नये सत्तावादी रूप के साथ पंक्तिबद्ध कर लेता है (जैसे कि ब्राज़ील में अभिजात वर्ग जायर बोल्सोनारो के साथ मिलकर काम कर रहा है, हालाँकि अब यह एकता टूट रही है)।
  2. दक्षिणपंथ के पास उचित आर्थिक कार्यक्रम नहीं है, स्थानीय कुलीन वर्ग और वाशिंगटन जो भी आर्थिक नीति लागू करना चाहते हैं, वह उसे अपनाने के लिए तैयार है। साथ ही इसमें यह दिशा निर्देश भी शामिल है कि कौन-सी प्रमुख परियोजनाओं विकसित होंगी और उन्हें कौन विकसित करेगा (जैसे एल सल्वाडोर द्वारा ला यूनियन बंदरगाह के लिए चीनी सौदे की अस्वीकृति)।
  3. शासक वर्ग अत्यधिक वित्तीयकरण और वैश्विक पूँजी की शक्ति से उत्पन्न अस्थिरता को स्वीकार करते हैं। यह नये विमर्शों, नये प्रतिक्रियावादी यूटोपिया, और जो पूँजीवाद के ‘आधुनिकीकरण’ की उनकी तात्कालिकता के हिस्से के रूप में नये दक्षिणपंथ द्वारा की जाने वाली लामबंदी के नये रूपों की ओर ले जाता है।

ये परिकल्पना हमें पेरू, एल सल्वाडोर, उरुग्वे, अर्जेंटीना और ब्राज़ील में वर्तमान वास्तविकताओं के माध्यम से पाठक को एक यात्रा पर लेकर जाती है। दक्षिणपंथ के नये विमर्श एक सम्मानजनक, समाजवादी भविष्य के लिए एक नयी प्रतिबद्धता उत्पन्न करने की हमारी क्षमता को लगातार चुनौति दे रहे हैं। पूँजीवाद का कोई आधुनिकीकरण संभव नहीं है, न तो धुर दक्षिणपंथ की कठोर नीतियों द्वारा और न ही मध्यमार्गी दक्षिणपंथ द्वारा। इस तरह का आधुनिकीकरण कार्यक्रम पूँजी संचय और लाभ की रक्षा को मानवता और प्रकृति की आवश्यक ज़रूरतों से ऊपर रखता है। यह संदिग्ध कार्यक्रम कोविड-19 महामारी के दौरान पूँजीवादी व्यवस्था के पतन को रोकने के लिए खरबों डॉलर उपलब्ध कराने में सक्षम रहा है, लेकिन पृथ्वी पर बुनियादी मानवीय ज़रूरतों के अभाव को समाप्त करने के लिए आवश्यक संसाधन मुहय्या करने में विफल रहा है। मानवता पर आए लाखों संकटों के बीच कल्पना न कर पाने का संकट सबसे भयंकर संकटों में से एक है। हम एक बेहतर दुनिया की कल्पना करने के लिए संघर्ष करते हैं जबकि ख़ुद को सामाजिक पदानुक्रमों और ज़ेनोफ़ोबिया से घृणा करने की अनुमति देते हैं।

इस न्यूज़लेटर में जिन कलाकृतियों का इस्तेमाल किया गया है वह डोज़ियर से लिया गया है, जिसमें एंटोनियो ग्राम्शी के शब्दों में, ‘इंटररेग्नम’ (ऐसा समय अंतराल जब पुरानी सत्ता चली गई हो, और नयी सत्ता नहीं आई हो) में उभरने वाले राक्षसों का मज़ाक़ उड़ाया गया है, इन टैरो-जैसे कार्डों में जिनका मज़ाक उड़ाया गया है उनमें हैं: स्वातंत्र्यवादी, अराजक-पूँजीवादी, वैज्ञानिक-विरोधी, तकनीक पर क़ब्ज़ा जमाए बैठा सामंत, कम्युनिस्ट-विरोधी उद्धारक, शांत कराने वाला, और हस्तक्षेप करने वाला। इन लोगों के ऊपर जो मँडरा रहा है वह दक्षिणपंथ के डर – प्रेत – का प्रतीक है, जो हममें से बाक़ी लोगों के लिए आशा और प्रतिरोध का प्रतीक है जो एक नयी दुनिया की शुरुआत कर रहा है।

 

 

दुनिया भर में दक्षिणपंथ का इतिहास बदसूरत है; इसके स्मारक कारख़ानों और यातना कक्षों के खंडहर हैं, कुरूपता जो मानवता की गरिमा को छीन लेती है। ब्यूनस आयर्स में अर्जेंटीना के नेवी स्कूल ऑफ़ मैकेनिक्स (ईएसएमए) में 1976 और 1983 के बीच पाँच हज़ार छात्र और ट्रेड यूनियन कार्यकर्ताओं को प्रताड़ित किया गया और मार डाला गया, उस दौरान राज्य प्रायोजित आतंकवाद से 30,000 से अधिक लोग मारे गए और ग़ायब कर दिए गए। यातना शुरू होने से पहले एस्मा के एक क़ैदी विक्टर बस्तर्रा को अन्य क़ैदियों में से प्रत्येक की तस्वीर लेने के लिए मजबूर किया गया था। इन तस्वीरों में एक निडर महिला की छवि है जिससे इस न्यूज़लेटर की शुरुआत होती है। वह उस तहख़ाने में अज्ञात अलगाववादियों की चीखें सुन सकती थी जहाँ उसे हिरासत में रखा गया था। वह जानती थी कि यही उसकी नियति है। उसने सोचा था कि शायद वह यहाँ से बचकर नहीं निकलेगी, जैसे कि तीस हज़ार अन्य लोग नहीं बच पाए। यह बहादुर, अनजान महिला कैमरे के सामने खड़ी हो गई और क्रांतिकारी सलामी में अपनी मुट्ठी तान ली। उनकी बहादुरी हम सभी को हमेशा यह सिखाती रहेगी। अगर आप विरोध कर रहे हैं तो आप हारे नहीं हैं।

ऑगस्टो पिनोशे की तानाशाही के अंतिम दिनों में, चिली के एक कवि राउल ज़ुरिटा ने उन हज़ारों लोगों के बार में लिखा जिन्हें उसके देश में गिरफ़्तार किया गया था, प्रताड़ित किया गया था और मार दिया गया था। वे घृणित पुरातन दक्षिणपंथ के हाथों शहीद हुए। ज़ुरिटा की कैंटो सु अमोर डेसापेरेसिडो (1985) शीर्षक कविता, एस्मा में हिरासत में ली गई गुमनाम महिला की तरह, निराशा को ख़ारिज करती है और प्यार को जीवन जीने के लिए आवश्यक औषधि की तरह पेश करती है:

लेकिन वे हमें कभी नहीं ढूँढ़ पाएँगे क्योंकि हमारा प्यार चट्टानों, समुद्र और पहाड़ों से बँधा हुआ है।

चट्टानों, समुद्र और पहाड़ों से बँधा हुआ।

चट्टानों, समुद्र और पहाड़ों से बँधा हुआ।

मेरी लड़की मर गई, मेरा लड़का मर गया, वे सब ग़ायब हो गए।

प्यार के रेगिस्तान।

स्नेह-सहित

विजय।