Abdel Rahmen al-Mozayen (Palestine), Jenin, 2002.

अब्देल रहमेन अलमोज़ायन (फ़िलिस्तीन), जेनिन, 2002.

 

प्यारे दोस्तों,

ट्राईकॉन्टिनेंटल: सामाजिक शोध संस्थान की ओर से अभिवादन।

इज़राइल अपने ताज़ा सैन्य अभियान ऑपरेशन ब्रेक वेवको क्रूर वास्तविकता की एक गीतात्मक अभिव्यक्ति बता रहा है। इस साल, यानी 2023 में 1948 की नाकबा तबाही के पचहत्तर साल पूरे हो जाएँगे। पचहत्तर साल पहले इज़रायली सैनिकों ने अवैध रूप से फ़िलिस्तीनियों को उनके घरों से निकलाते हुए फ़िलिस्तीन को नक़्शे से मिटा देने का प्रयास किया था। तब से, फ़िलिस्तीनी सभी बाधाओं के ख़िलाफ़ लड़ रहे हैं, जबकि संयुक्त राज्य अमेरिका के नेतृत्व में दुनिया के सबसे शक्तिशाली देश इज़रायल के साथ खड़े हैं।

ऑपरेशन ब्रेक वेव फ़रवरी 2022 में नब्लस में तीन फ़िलिस्तीनियों (अधम मबरूका, अशरफ़ मुबासलत और मोहम्मद दख़िल) की हत्या के साथ शुरू हुआ था और फिर वेस्ट बैंक से होता हुआ विखंडित गाज़ा तक फैल गया। 26 जनवरी 2023 को, इज़रायली सेना ने जेरूसलम के उत्तर में जेनिन और अलराम में एक बुज़ुर्ग महिला सहित दस फ़िलिस्तीनियों को मार डाला, और फिर एम्बुलेंस पर गोलियाँ चलाईं ताकि घायलों की सहायता की जा सके। यह स्पष्ट रूप से एक युद्ध अपराध है। जेनिन नरसंहार के जबाव में गाज़ा स्थित फ़िलिस्तीनी प्रतिरोध बलों ने आगज़नी की, जिसका इज़रायली वायु सेना ने असमान रूप से जवाब दिया। उन्होंने गाज़ा के केंद्र में घनी आबादी वाले अलमग़ाज़ी शरणार्थी शिविर में गोलीबारी की। हिंसा का चक्र जारी रहा, और पूर्वी यरूशलम में नेवे याकोव की अवैध बस्ती में एक अकेले फ़िलिस्तीनी बंदूक़धारी ने सात इज़रायलियों की हत्या कर दी। इसकी प्रतिक्रिया में, इज़रायली सरकार नेजिनेवा सम्मेलनों का उल्लंघन करते हुएसामूहिक दंडप्रणाली लागू कर दी है, जिसके तहत राज्य सरकार बंदूक़धारी के परिवार के सदस्यों को टार्गेट कर सकती है, और इज़रायल सरकार इज़रायलियों के लिए हथियार लेकर जाना आसान बना सकती है।

इज़रायल सरकार ने हब्बत शाबिया (लोकप्रिय विद्रोह‘) के जवाब में ऑपरेशन ब्रेक वेव शुरू किया। इज़रायल के दमघोंटू दबाव अभियानों और बदहाली की तरफ़ बढ़ रही जीवनशैली से उत्पन्न निराशा के ख़िलाफ़ पूरे फ़िलिस्तीन में विद्रोह हो रहे थे। यह विद्रोह केवल वेस्ट बैंक, पूर्वी यरुशलम और गाज़ा में ही नहीं हो रहे थे, जहाँ विद्रोह की घटनाएँ आम हैं। 1948 के इज़रायल ग्रीन लाइन में रहने वाले फ़िलीस्तीनियों ने भी विद्रोह प्रदर्शन किए। मई 2021 में, प्रदर्शनकारी गरिमा और आशाके मेनिफ़ेस्टो के साथ इकट्ठे हुए और निर्वासित फ़िलिस्तीनियों, इज़रायल में रहने वाले फ़िलिस्तीनियों तथा इज़रायली क़ब्ज़े वाले क्षेत्रों में रह रहे फ़िलिस्तीनियों को एकजुट करने के लिए नये आंदोलन एकजुट इंतिफ़ादाका आह्वान किया। ये क़दम और संयुक्त राष्ट्र प्रणाली में फ़िलिस्तीनियों को मिल रही बढ़त और फ़िलिस्तीनी राजनीति के भीतर एक नयी गतिशीलता का संकेत है। हाल ही में, 31 दिसंबर 2022 को, संयुक्त राष्ट्र महासभा ने 87 के मुकाबले 26 मतों से अंतर्राष्ट्रीय न्यायालय को इज़रायल द्वारा फ़िलिस्तीनी क्षेत्र में लंबे समय से जारी क़ब्ज़े, उपनिवेश और समायोजनपर अपनी राय प्रकट करने के लिए कहा फ़िलिस्तीनियों के ख़िलाफ़ इज़रायल की हिंसा का यह नया चरण फ़िलिस्तीन की उपलब्धियों के विरुद्ध उनकी प्रतिक्रिया है।

 

Rachid Koraïchi (Algeria) and Hassan Massoudy (Iraq), A Nation in Exile, 1981.

रशीद कोरैची (अल्जीरिया) और हसन मसूदी (इराक़), एक निर्वासित देश, 1981.

 

इन सबके बीच, इज़रायल के लोगों ने बेंजामिन नेतन्याहू को जिता दिया। वो 1996 से अब तक छटी बार सरकार बनाएँगे। पिछले सत्ताईस सालों में से पंद्रह साल नेतन्याहू इज़रायल के प्रधानमंत्री रहे हैं, और अब सात साल के लिए सरकार में रहने की तैयारी हो गई है। उनकी सरकार घोर दक्षिणपंथी है। हालाँकि फ़िलिस्तीनियों के दृष्टिकोण से सरकार धुरदक्षिणपंथियों की हो या नरम दक्षिणपंथी वर्ग की, यहूदीपरस्त (ज़ायोनिस्ट) राज्य नीति निरंतर जारी रहती है। 28 दिसंबर 2022 को, नेतन्याहू ने अपनी सरकार के मिशन को स्पष्ट तरीक़े से परिभाषित किया: यहूदी लोगों का इज़राइल की भूमि के सभी क्षेत्रों पर विशेष और निर्विवाद अधिकार है। सरकार इज़रायल की भूमि के सभी हिस्सोंगलील, नेगेव, गोलन, यहूदिया और सामरियामें उपनिवेश को बढ़ावा देगी और विकसित करेगी

नेतन्याहू सरकार की दबंगईकि सिर्फ़ ज़ायोनिस्ट राज्य ही नहीं, बल्कि सभी यहूदी लोगों का जॉर्डन नदी और भूमध्य सागर के बीच की भूमि पर अधिकार हैका अंदाज़ा केवल इस सरकार के बयानों से ही नहीं लगाया जा सकता; यह इज़राइल के मूल क़ानून (2018) में निहित है। यह क़ानून कहता है कि, ‘इज़रायल की भूमि यहूदी लोगों की ऐतिहासिक मातृभूमि है, जिसमें इज़रायल राज्य की स्थापना हुई थी इस क़ानूनी दावपेंच ने इज़रायल को बहुराष्ट्रीय या बहुजातीय क्षेत्र के बजाय यहूदी लोगों की भूमि के रूप में स्थापित कर दिया है। इसके अलावा, ‘इज़रायल राज्यकी हर प्रशासनिक परिभाषा पूरे क्षेत्र पर नियंत्रण पर ज़ोर देती है। उदाहरण के लिए, इज़रायल का केंद्रीय सांख्यिकी ब्यूरो लगभग 1967 से, जॉर्डन नदी के पश्चिम में रहने वाले, और यहाँ तक कि वेस्ट बैंक में भी रहने वाले इज़रायली को एक इज़रायली के रूप में गिनती है; और इज़रायल का आधिकारिक मानचित्र 1993 ओस्लो समझौते के आधार पर बने किसी भी आंतरिक विभाजन को नहीं दर्शाता।

 

Mustafa al-Hallaj (Palestine), The Battle of Al-Karameh, 1969.

मुस्तफ़ा अलहलाज (फ़िलिस्तीन), अलकरामेह की लड़ाई, 1969.

 

उपनिवेशवादीऔपनिवेशिक मानसिकता में निहित इज़रायल की राज्य नीति, फ़िलिस्तीनी राज्य के लिए कोई जगह नहीं छोड़ती। गाज़ा लगातार विध्वंस देख रहा है, अलनकाब के बेदोइनों को विस्थापित किया जा रहा है, पूर्वी यरुशलम में रहने वाले फ़िलिस्तीनियों को बेदख़ल किया जा रहा है, और वेस्ट बैंक में अवैध इज़रायली बस्तियाँ टिड्डियों के महामारी की तरह फैल रही हैं। नेतन्याहू का सरकारी साझेदार ओट्ज़मा येहुदित (यहूदी शक्ति‘) लेवांत में केवल यहूदी समाज स्थापित करने के लिए फ़िलिस्तीनी नरसंहार करने को तैयार है। ओस्लो में किया गया दोराज्य समाधान का वादा अब तथ्यात्मक रूप से संभव नहीं रह गया है क्योंकि फ़िलिस्तीनी राज्य क्षतविक्षत है और उसके आगे तमाम तरह की रुकावटें हैं। इज़रायल और फ़िलिस्तीन से बने और फ़िलिस्तीनियों को पूर्ण नागरिकता अधिकार देने वाले द्विराष्ट्रीय राज्य की आदर्शवादी उम्मीद ज़ायोनिस्ट हठ के चलते ख़त्म है। उनकी हठ है कि इज़रायल एक यहूदी राज्य बने, एक नस्लआधारित लोकतंत्रविरोधी राज्य, जो पहले से ही रंगभेदी समाज की तरह फ़िलिस्तीनियों को दूसरे दर्जे का निवासी मानता है। बल्कि, ज़ायोनिस्ट तीनराज्य समाधानके पक्ष में है, यानी फ़िलिस्तीनियों को खदेड़कर मिस्र, जॉर्डन और लेबनान में पहुँचा दिया जाए।

2016 में, संयुक्त राज्य अमेरिका और इज़रायल ने सैन्य सहायता पर अपने तीसरे दसवर्षीय समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए। यह समझौता 2019 से 2028 तक चलेगा, जिसके तहत अमेरिका ने सैन्य उपकरणों के लिए इज़रायल को 38 बिलियन डॉलर देने का वादा किया है। इस सहायता पर कोई शर्त नहीं है: यह समझौता इज़रायल को अंतर्राष्ट्रीय क़ानून का उल्लंघन करने, अमेरिकी नागरिकों को मारने (जैसा कि उन्होंने रिपोर्टर शिरीन अबू अकलेह को मार डाला था), या अमेरिकी सरकार द्वारा वित्त पोषित मानवीय परियोजनाओं को नष्ट करने से नहीं रोकता। नस्लीय नीतियों के लिए इज़रायल को फटकारने के बजाय, अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने बेंजामिन नेतन्याहू को अपना दशकों का दोस्तकहते हुए ईरान से होने वाले ख़तरोंका सामना करने में अमेरिका की मदद करने के लिए नेतान्याहू का स्वागत किया। इसके अतिरिक्त, नेतन्याहू की सरकार जब ऑपरेशन ब्रेक वेव का आतंक बढ़ा रही थी तभी अमेरिका की सेना पूरी ताक़त के साथ जुनिपर ओक नामक संयुक्त सैन्य अभ्यास के लिए इज़रायल पहुँची। पेंटागन के प्रेस सचिव वायु सेना के ब्रिगेडियर जनरल पैट राइडर के अनुसार यह उनका सबसे बड़ा और सबसे महत्वपूर्ण अभ्यास है अमेरिका के पुरज़ोर समर्थन और अंतर्राष्ट्रीय निकायों की निंदा से अविचलित, इज़रायली राज्य द्वारा फ़िलिस्तीन को मिटाने की घातक परियोजना जारी है।

 

Malak Mattar (Palestine), You and I, 2021.

मलक मत्तर (फ़िलिस्तीन), आप और मैं, 2021.

 

 

यरुशलम में रहने वाली एक फ़िलिस्तीनी कवयित्री माया अबू अलहयात ने सुबह के सपनेशीर्षक से एक सुंदर कविता लिखी थी। यह कविता वेस्ट बैंक के छोटे शहरों द्वारा परिभाषित फ़िलिस्तीनी जीवन और भूगोल की लय को बयान करती है। बच्चे खेल रहे हैं, महिलाएँ नाच रही हैं, जीवन, वो जीवन है जो पीढ़ियों से चले रहे क़ब्ज़े के कारण वंचित कर दिया गया है, जहाँ क़ब्ज़े में रह रहे लोगों की चीख़ें उनके राष्ट्रीय पक्षी फ़िलिस्तीन की सनबर्ड की ज़ोरदार आवाज़ से मेल खाती हैं।

मैं उस ख़ुशी के बारे में लिखूँगी जो छह दिशाओं से जेनिन पर आक्रमण करती है,

अमारी कैंप में ग़ुब्बारे पकड़कर दौड़ते बच्चों के बारे में,

अस्कर में स्तनपान करने वाले बच्चों को चुप कराने वाली परिपूर्णता के बारे में,

तुल्कारेम में मौजूद एक छोटे से समुद्र के बारे में जिसमें हम ऊपर और नीचे टहल सकते हैं,

बलाता में लोगों के चेहरों को घूरने वाली आँखों के बारे में,

कलंदिया में चेकप्वाइंट की लाइन में लगे लोगों के लिए नाच रही महिला के बारे में,

अज़्ज़उन में हँसते हुए पुरुषों के दुखों के बारे में,

सीपियों और पागलपन से हमारी जेबें भर

एक शहर का निर्माण करते

तुम्हारे और मेरे बारे में।

मेरी जेब क्रोध और आशा से भरी हुई है, एक उम्मीद है कि फ़िलिस्तीनी लोगों के साथ एकजुटता का हमारा संघर्ष प्रबल होगा, क्योंकि मुक्ति की प्रक्रिया आकर्षक और अपरिवर्तनीय है

स्नेहसहित,

विजय।