John (Prince) Siddon (Australia), Slim Dusty, Looking Forward, Looking Back, 2021.

जॉन (प्रिंस) सिडोन (ऑस्ट्रेलिया), स्लिम डस्टी, आगे देखना, पीछे देखना, 2021.

 

प्यारे दोस्तों,

ट्राईकॉन्टिनेंटल: सामाजिक शोध संस्थान की ओर से अभिवादन। 

15 नवंबर 2022 को बाली (इंडोनेशिया) में हुए जी20 शिखर सम्मेलन के दौरान ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री एंथोनी अल्बनीज़ ने पत्रकारों से कहा कि उनका देश चीन के साथ एक स्थिर संबंध चाहता है ऐसा इसलिए है, क्योंकि जैसा कि अल्बनीज़ ने बताया, चीन ऑस्ट्रेलिया का सबसे बड़ा व्यापारिक भागीदार है। उसका अकेले का महत्व जापान, संयुक्त राज्य अमेरिका और कोरिया गणराज्य के कुल मूल्य से ज़्यादा है 2009 से, चीन निर्यात के लिए ऑस्ट्रेलिया का सबसे बड़ा गंतव्य होने के साथसाथ ऑस्ट्रेलिया के आयात का सबसे बड़ा एकल स्रोत भी रहा है।

पिछले छह वर्षों से, ऑस्ट्रेलिया चीन से आपसी बातचीत के लिए लगातार अनुरोध कर रहा लेकिन चीन उसकी बारबार अनदेखी कर रहा है, क्योंकि ऑस्ट्रेलिया का अमेरिका के साथ घनिष्ठ सैन्य संबंध है। अब, बाली में, चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने यह स्पष्ट कर दिया कि चीनीऑस्ट्रेलियाई संबंध को संजोकररखा जाना चाहिए। जब अल्बनीज़ से पूछा गया कि क्या शी ने चीन के ख़िलाफ़ कई सैन्य समझौतों में ऑस्ट्रेलिया की भागीदारी का मुद्दा उठाया, तो उन्होंने कहा कि सामान्य टिप्पणियों को छोड़कररणनीतिक प्रतिद्वंद्विता के मुद्दे नहीं उठाए गए।

पूर्व ऑस्ट्रेलियाई प्रधान मंत्री केविन रुड ने हाल ही में कहा था कि छह साल पहले ऑस्ट्रेलिया और चीन के बीच ठंडे हुए रिश्तों का आधार अमेरिका का रणनीतिक प्रतिस्पर्धा सिद्धांतथा। यह दृष्टिकोण 2022 की अमेरिकी राष्ट्रीय सुरक्षा रणनीति में स्पष्ट हो गया है, जिसमें दावा किया गया है कि चीन अमेरिका की सबसे बड़ी भूराजनीतिक चुनौतीहै। बाली में, अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने कहा कि अमेरिका और चीन को प्रतिस्पर्धा को ज़िम्मेदारी से प्रबंधित करना चाहिए इसका मतलब है कि अमेरिका चीन के ख़िलाफ़ कम द्वेषपूर्ण रवैया अपनाएगा और एशिया में अमेरिकी सैन्य समझौते के माध्यम से और ताइवान संकट के माध्यम से चीन पर दबाव नहीं डालेगा। रुड का सुझाव है कि बाइडेन के बदले सुर ने ही शायद अल्बनीज़ को ऑस्ट्रेलिया और चीन के बीच संबंधों को रीसेटकरने का अवसर दिया होगा।

 

Nura Rupert (Australia), Mamu (Spooky Spirits), 2002.

नूरा रूपर्ट (ऑस्ट्रेलिया), मामू (स्पूकी स्पिरिट्स), 2002.

 

हालाँकि, अल्बनीज़ के बाली पहुँचने से पहले, उत्तरी ऑस्ट्रेलिया में टिंडल वायु सेना अड्डे पर, परमाणु क्षमता वाले छह अमेरिकी बी52 बॉम्बर तैनात करने की योजना के बारे में ख़बर आई थी। इसके अलावा, ऑस्ट्रेलिया जेट ईंधन के लिए 11 बड़े भंडारण टैंकों का निर्माण करेगा, जो प्रशांत क्षेत्र में हवाई स्थित अमेरिका के मुख्य ईंधन भंडार की तुलना में अमेरिका को चीन के बिलकुल क़रीब ईंधन भरने की क्षमता प्रदान करेगा। इस स्क्वाड्रन संचालन सुविधाका निर्माण तुरंत शुरू होकर 2026 तक पूरा हो जाएगा। फ़ंड में $ 646 मिलियन की जो बढ़ौतरी उससे नये उपकरण ख़रीदे जाएँगे और पाइन गैप में यूएसऑस्ट्रेलियाई जासूस बेस में सुधार के लिए इस्तेमाल होगा। जबकि पाइन गैप के नज़दीक एलिस स्प्रिंग्स की आबादी को यह चिंता है कि वे परमाणु युद्धजिसे वो नहीं चाहतेका निशाना बन जाए।

इन घोषणाओं से किसी को आश्चर्य नहीं होना चाहिए। B-52 सहित अमेरिकी बॉम्बर 1980 के दशक से इस बेस का दौरा कर रहे हैं और 2005 से यूएसऑस्ट्रेलियाई प्रशिक्षण अभियानों में भाग ले रहे हैं। 2016 में, प्रशांत वायु सेना के अमेरिकी कमांडर जनरल लोरी रॉबिन्सन ने कहा था कि अमेरिका संभावित रूप से इन अभ्यासों में अधिक दूरी तय करने वाले और लंबी रेंज तथा बड़ी पेलोड क्षमता वाले बी1 बॉम्बर को भी शामिल करेगा। यूएसऑस्ट्रेलिया के बीच एन्हांस्ड एयर कोऑपरेशन (2011) ने पहले ही इस नये विस्तार की अनुमति दे दी है। हालाँकि इसके चलते ऑस्ट्रेलियाई सरकारी अधिकारियों को नियमित रूप से शर्मिंदा होना पड़ता है क्योंकि न्यूज़ीलैंड ऑस्ट्रेलिया के कई अन्य पड़ोसी प्रशांत द्वीपीय देश परमाणु का विरोध करते हैं और इस क्षेत्र को परमाणु मुक्त क्षेत्र घोषित करने वाली रारोटोंगा संधि, 1986 के हस्ताक्षरकर्ता हैं।

 

Minnie Pwerle (Australia), Bush Melon Seed, 1999.

मिन्नी पवेल (ऑस्ट्रेलिया), ख़रबूज़े के बीज, 1999.

 

टिंडल एयर बेस का विस्तार और पाइन गैप स्पाई बेस में प्रगति अमेरिका और ऑस्ट्रेलिया के बीच बढ़ते सैन्य और सामरिक संबंधों का हिस्सा हैं। इन संबंधों का एक लंबा इतिहास रहा है, लेकिन 1951 की ऑस्ट्रेलियान्यूजीलैंडसंयुक्त राज्य अमेरिका (ANZUS) सुरक्षा संधि और 1956 में फ़ाइव आईज़ इंटेलिजेंस नेटवर्क में ऑस्ट्रेलिया के प्रवेश ने इन संबंधों को औपचारिक रूप दिया था। तब से, ऑस्ट्रेलिया और अमेरिका ने अमेरिकी हथियार उद्योग से ऑस्ट्रेलिया में सैन्य उपकरणों के हस्तांतरण की सुविधा प्रदान करने जैसे क़दमों के साथ, अपनी सुरक्षा कड़ियों को मज़बूत बनाना शुरू किया। 2011 में, अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा और ऑस्ट्रेलियाई प्रधान मंत्री जूलिया गिलार्ड ने डार्विन और उत्तरी ऑस्ट्रेलिया में हज़ारों अमेरिकी मरीन तैनात करने और अमेरिकी बॉम्बरों के उस बेस से लगातार उड़ानें भरने पर सहमति व्यक्त की थी। यह ओबामा की एशिया की धुरीपरियोजना का हिस्सा था, जिसने चीन की आर्थिक उन्नति के ख़िलाफ़ अमेरिकी दबाव अभियान शुरू किया था।

दो नये सुरक्षा गठबंधनों  – चतुर्भुज सुरक्षा संवाद (क्वाड, 2017 में पुनः आरंभ) और AUKUS (2021) – ने इन संबंधों को और आगे बढ़ाया। क्वाड ऑस्ट्रेलिया और अमेरिका के साथ भारत और जापान को भी ले आया। 1990 के बाद से, ऑस्ट्रेलिया टिंडल में एक्सरसाइज़ पिच ब्लैक की मेज़बानी कर रहा है; यह एक ऐसा सैन्य युद्ध खेल है जिसमें उसने विभिन्न देशों से सहयोग लिया है। भारत की वायु सेना इसमें 2018 में शामिल हुई थी और जापान ने 2022 में इस अभ्यास में भाग लिया था; यानी अब सभी क्वाड और AUKUS सदस्य इस बड़े हवाई प्रशिक्षण मिशन का हिस्सा हैं। ऑस्ट्रेलियाई अधिकारियों का कहना है कि टिंडल के विस्तार के बाद एक्सरसाइज़ पिच ब्लैक का आकार बढ़ जाएगा। अक्टूबर 2022 में, प्रधान मंत्री अल्बनीज़ और जापान के प्रधान मंत्री फुमियो किशिदा ने अपने 2007 के द्विपक्षीय सुरक्षा समझौते को अपडेट किया। किशिदा के अनुसार, नये पारस्परिक पहुँच समझौतेपर तेज़ी से गंभीर हो रहे रणनीतिक माहौलके जवाब में हस्ताक्षर किए गए थे; और यह समझौता दोनों देशों को संयुक्त सैन्य अभ्यास करने की अनुमति देता है।

चीन के विदेश मंत्रालय ने टिंडल और पाइन गैप के विस्तार की ख़बरों पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि, ‘अमेरिका और ऑस्ट्रेलिया के इस तरह के क़दम से क्षेत्रीय तनाव बढ़ता है, क्षेत्रीय शांति और सुरक्षा गंभीर रूप से प्रभावित होती है, और इस क्षेत्र में हथियारों की होड़ शुरू हो सकती है।

 

Qiu Zhi Jie (China), Map of Mythology, 2019.

किउ झी जी (चीन), पौराणिक कथाओं का नक़्शा, 2019.

 

ऑस्ट्रेलिया पर चीन के व्यापार प्रतिबंधों को समाप्त करने की उम्मीद के साथ अल्बनीज़ शी के साथ बैठक करने गए थे। वो इस आशा के साथ बाहर आए कि 2020 में लगाए गए 20 अरब डॉलर के प्रतिबंध जल्द ही हटा लिए जाएँगे। उन्होंने कहा, ‘आगे बढ़ने की ठोस शर्तों में सुधार देखने में थोड़ा समय लगेगा हालाँकि, ऑस्ट्रेलियाई जौ, गोमांस, कोयला, कपास, झींगा मछली, लकड़ी और शराब के आयात को सीमित करने वाले इन प्रतिबंधों को हटाने के बारे में चीन की ओर से कोई बात नहीं कही गई है।

ये प्रतिबंध ऑस्ट्रेलिया के तत्कालीन प्रधान मंत्री स्कॉट मॉरिसन के इस आक्षेप से शुरू हुए थे कि COVID-19 महामारी के लिए चीन ज़िम्मेदार था। इससे पहले, 2018 में, ऑस्ट्रेलिया की सरकार ने दो चीनी दूरसंचार फ़र्मों (हुआवेई और जेडटीई) को अपने अधिकार क्षेत्र में काम करने से प्रतिबंधित कर दिया था। यह कोई मामूली नीति परिवर्तन नहीं था; क्योंकि इससे जुलाई 2021 में चीन के साथ ऑस्ट्रेलिया के व्यापार में $19 बिलियन से मार्च 2022 में $13 बिलियन तक की गिरावट दर्ज की गई थी।

 

Fu Wenjun (China), Red Cherry, 2018.

फू वेंजुन (चीन), लाल चेरी, 2018.

 

बाली में अल्बनीज़ और शी के बीच हुई बैठक के दौरान, ऑस्ट्रेलियाई पक्ष ने व्यापार पर बीजिंग के प्रतिबंध और चीन में मानवाधिकारों लोकतंत्र की चिंताओं सहित शिकायतों की एक सूची प्रस्तुत की। ऑस्ट्रेलिया संयुक्त राज्य अमेरिका के साथ अपने विस्तारित सैन्य संबंधों को बनाए रखते हुए चीन के साथ व्यापार के मामले में संबंधों को सामान्य बनाना चाहता है।

शी ने बैठक के दौरान कोई मुद्दे की बत नहीं की। उन्होंने केवल सुना, हाथ मिलाया और यह आश्वासन देकर चले गए कि दोनों पक्ष बात करना जारी रखेंगे। स्कॉट मॉरिसन के प्रशासन की गंदी बयानबाज़ी से आगे यह एक बड़ी प्रगति है।

अक्टूबर 2022 में, ऑस्ट्रेलिया में चीन के राजदूत जिओ कियान ने ऑस्ट्रेलिया और चीन के बीच राजनयिक संबंधों की 50वीं वर्षगांठ, जिसे 21 दिसंबर को मनाया जाएगा, के अवसर पहले एक भाषण दिया था। इस वार्ता के दौरान, राजदूत कियान ने अपने ऑस्ट्रेलियाई समकक्षों से पूछा कि क्या वे चीन को अंतर्राष्ट्रीय व्यवस्था में चैंपियन या चुनौती देने वालेके रूप में देखते हैं। उन्होंने कहा कि ऑस्ट्रेलिया की सरकार और प्रेस, चीन को संयुक्त राष्ट्र चार्टर और बहुपक्षीय प्रणाली को चुनौती देने वालेके रूप में देखते हैं। हालाँकि, राजदूत कियान ने कहा, चीन ख़ुद को आम समस्याओं के समाधान के लिए देशों के बीच अधिक सहयोग के चैंपियनके रूप में देखता है।

अल्बनीज़ ने जिन चिंताओं को शी के सामने रखा, उससे संकेत मिलता है कि ऑस्ट्रेलिया, अमेरिका की तरह, चीन को एक भागीदार के बजाय एक ख़तरे के रूप में देखता है। चीन के प्रति यह सामान्य दृष्टिकोण वास्तविक सामान्यीकरण की किसी भी संभावना को कठिन बना देता है। यही कारण है कि राजदूत कियान ने ऑस्ट्रेलिया से चीन के बारे में उद्देश्यपूर्ण और तर्कसंगत धारणारखने और कैनबरा से चीन के प्रति एक सकारात्मक और व्यावहारिक नीतिविकसित करने का आह्वान किया।

 

Zeng Shanqing (China), Vigorous Horse, 2002.

ज़ेंग शैंकिंग (चीन), जोशीली घोड़ा, 2002.

 

ऑस्ट्रेलिया के भीतर बढ़ती चीनविरोधी भावना स्थिति के सामान्य होने की दिशा में किसी भी क़दम के लिए एक गंभीर समस्या है। जुलाई 2022 में, चीन के विदेश मंत्री वांग यी ने कहा कि संबंधों के आगे बढ़ने से पहले ऑस्ट्रेलिया को चीन के बारे में अपने कई विचारों को सहीकरना होगा। हाल के एक सर्वेक्षण से पता चलता है कि ऑस्ट्रेलिया की तीनचौथाई आबादी का मानना है कि चीन अगले दो दशकों के भीतर एक सैन्य ख़तरा हो सकता है। उसी सर्वेक्षण से पता चला कि सर्वेक्षण में शामिल लगभग 90% लोगों ने कहा कि यूएसऑस्ट्रेलिया सैन्य गठबंधन या तो बहुत या काफ़ी महत्वपूर्ण है। इस साल की शुरुआत में सिंगापुर में हुए शांगरीला डायलॉग में ऑस्ट्रेलिया के उप प्रधान मंत्री और रक्षा मंत्री रिचर्ड मार्लेस ने कहा था कि देशों को बातचीत और कूटनीति के माध्यम से एकदूसरे से जुड़ना चाहिए। उन्होंने कहा,चीन कहीं नहीं जा रहा है। और हम सभी को एक साथ रहने और शायद एक साथ समृद्ध होने की जरूरत है

बाली में अल्बनीज़ और शी की मुलाक़ात कूटनीति और संवाद के महत्व का संकेत है। अल्बनीज़ व्यापार में तब तक लाभ प्राप्त करने में सक्षम नहीं होंगे जब तक कि ऑस्ट्रेलिया चीन के प्रति दृष्टिकोण और यूएसऑस्ट्रेलिया सैन्य रुख़ में बदलाव नहीं करता।

स्नेहसहित,

विजय।