प्यारे दोस्तों,

ट्राईकॉन्टिनेंटल: सामाजिक शोध संस्थान की ओर से अभिवादन। 

28 अक्टूबर 2005 को वेनेज़ुएला के बोलिवेरियन गणराज्य की नेशनल असेंबली के अवसर पर काराकास में एक विशेष कार्यक्रम आयोजित किया गया था। सिमोन रोड्रिग्ज़ (सिमोन बोलीवार के शिक्षक) के जन्मदिन पर आयोजित की गई इस सभा में वेनेज़ुएला सरकार ने घोषणा की कि लगभग 15 लाख वयस्कों ने मिशन रॉबिन्सन के तहत पढ़ना सीखा है। मिशन रॉबिन्सन दो साल पहले शुरू किया गया एक जन साक्षरता कार्यक्रम था। इस साक्षरता मिशन का नाम रोड्रिग्ज़ के नाम पर रखा गया था (जिन्हें उनके बोलचाल के नाम सैमुअल रॉबिन्सन द्वारा भी जाना जाता था)

उन नवसाक्षर वयस्कों में सत्तर वर्षीय मारिया यूजेनिया तुआ भी थीं। तुआ राष्ट्रपति ह्यूगो चावेज़ फ़्रीआस के पास खड़ी थीं और उन्होंने कहा, ‘हम अब ग़रीब नहीं रहे। हम ज्ञान के धनी हैं वेनेज़ुएला सरकार ने क्यूबा की यो सी प्यूडो (येस आई कैन‘) प्रौढ़ साक्षरता शिक्षण पद्धति के आधार पर मिशन रॉबिन्सन की परिकल्पना की थी। लैटिन अमेरिका के डॉ. लियोनेला रेलिस डियाज़ और कैरेबियन शैक्षणिक संस्थान (आईपीएलएसी) ने येस आई कैनपद्धति विकसित की थी। उस दिन, वेनेज़ुएला ने संयुक्त राष्ट्र में घोषणा की कि उसकी जनता ने निरक्षरता को हरा दिया है।

उससे एक साल पहले, दिसंबर 2004 में, काराकास के टेरेसा कारेनो थिएटर में आयोजित यो सी प्यूडो कार्यक्रम से पास होने वाले 433 छात्रों के सम्मान समारोह में चावेज़ ने कहा था कि मिशन रॉबिन्सन प्रकाश की सेना संगठितकर रहा है, जो कि लोगों तक साक्षरता लेकर जाएगा, चाहे वे कहीं भी रहते हों, यह मिशन मोहम्मद को पहाड़ परले जाएगा। नवसाक्षरों में से एक की शैक्षिक यात्रा पर टिप्पणी करते हुए, चावेज़ ने साक्षरता से उत्पन्न होने वाले अवसरों के बारे में बताया: इन्होंने कोई समय बर्बाद नहीं किया है और अभी से ही गणित और भूगोल, स्पेनिश भाषा और साहित्य सीख रही हैं। और वह बोलीवारियाई विचारों का अध्ययन कर रही हैं क्योंकि अब वो पढ़ सकती हैं। वो संविधान पढ़ सकती हैं। बोलीवार के लेखों को पढ़ सकती हैं। वो बोलीवार द्वारा लिखे गए पत्रों को पढ़ सकती हैं।

चावेज़ ने कहा कि बोलीवार की प्रक्रिया ने मज़दूरों की बस्तियों में पुस्तकालयों के ज़रिए विश्व साहित्य और अकाल्पनिक पुस्तकों के वितरण का आयोजन कर ख़ुद को ज्ञान से लैसकरने का प्रबंध किया है। क्यूबा के राष्ट्रीय नायक होज़े मार्ती की बात कहते हुए, चावेज़ ने शिक्षा, मुक्ति और वेनेज़ुएला के लोगों द्वारा बनाए जा रहे इतिहास के बीच के संबंध की ओर ध्यान दिलाया: स्वतंत्र होने के लिए [ज़रूरी है] सुसंस्कृत होना। यह जानना कि हम कौन हैं, अपने इतिहास को गहराई से जानना, उस इतिहास को जिससे गुज़रकर हमारा निर्माण हुआ है

नवसाक्षरों में से एक, रोज़ा हर्नांडेज़ ने कहा कि साक्षरता मिशन ने स्पष्टता प्रदान की है, क्योंकि इससे पहले अंधेरा था। अब जबकि मैं पढ़नालिखना जानती हूँमुझे सब कुछ स्पष्ट दिखाई देता है रोज़ा की सहपाठी मारिया गुतरेज़ ने कहा कि प्रकाश की सेनामें उनका प्रवेश भगवान की वजह से, मेरे राष्ट्रपति की वजह से और मुझे पढ़ाने वाले शिक्षकों की वजह सेमुमकिन हो पाया है।

 

 

दस साल पहले, 5 मार्च 2013 को कैंसर से लंबी लड़ाई के बाद काराकास में ह्यूगो चावेज़ की मृत्यु हो गई। उनकी मृत्यु ने वेनेज़ुएला को झकझोर कर रख दिया। देश के ग़रीब श्रमिकों के बड़े हिस्से ने केवल अपने राष्ट्रपति, बल्कि अपने साथी के जाने का शोक मनाया। जब चावेज़ का शव कॉर्टेज बोलीवार स्क्वायर से गुज़रा, तब उन्हें देखने आई भीड़ एली प्रिमेरा का 1976 में लिखा गीत, लॉस क्यू म्यूरेन पोर ला विदा (जो जीवन के लिए मरते हैं‘), गा रही थी:

जो जीवन के लिए मरते हैं

उन्हें मृत नहीं कहा जा सकता।

और इसी क्षण से

उनके लिए रोना मना है।

रोना मना है, उन्होंने इसलिए नहीं गाया था कि उन्हें चावेज़ के जाने का ग़म नहीं था। उन्होंने यह इसलिए गाया था क्योंकि वे जानते थे कि चावेज़ की विरासत उनके जीवन में नहीं बल्कि समाजवाद के निर्माण के कठिन काम में है।

चावेज़ की मृत्यु के छह साल बाद, मैं काराकास के ला वेगा इलाक़े में कैकाची हाउसिंग कॉम्प्लेक्स में मारिएला मशाडो के साथ चल रहा था। मशाडो उसी कॉम्प्लेक्स में रहती हैं। राष्ट्रपति के तौर पर चावेज़ के पहले कार्यकाल के दौरान, मारिएला के परिवार और 91 अन्य परिवारों ने ज़मीन के उस टुकड़े पर क़ब्ज़ा कर लिया जो पिछले प्रशासन द्वारा कॉर्पोरेट डेवलपर्स को दी गई, लेकिन अब तक ख़ाली पड़ी थी। मज़दूर वर्ग के इन परिवारों नेजिनमें से कई एफ्रोवेनेज़ुएला परिवार थेसीधे चावेज़ के पास जाकर क़ब्ज़ा की हुई ज़मीन घर बनाने का आग्रह किया। क्या आप यह कर सकते हैं?’, चावेज़ ने उनसे पूछा। हाँ‘, मारिएला ने कहा। हमने इस शहर का निर्माण किया। हम अपना घर बना सकते हैं। हमें केवल मशीन और सामान चाहिए और इस तरह, सरकार द्वारा प्रदान किए गए संसाधनों से, मारिएला और उनके साथियों ने अपने अपार्टमेंटों का निर्माण किया था।

सामुदायिक केंद्र के बाहर चावेज़ स्मारक बना है, जहाँ एक बेकरी है, जहाँ से वहाँ के निवासी सस्ती और पौष्टिक ब्रेड लेते हैं; एक सामुदायिक रसोई है जहाँ 400 लोगों के लिए खाना बनता है; एक सामुदायिक हॉल; और एक छोटा कमरा है जहाँ महिलाएँ अपने बिज़नेस के लिए कपड़े सिलती हैं। अपनी पीठ पर एक बच्चा उठाए हुए एक महिला कहती है कि हम चाविस्टा हैं इस तरह की जगहों पर चाविस्टाशब्द की गूँज अलग ही क़िस्म की होती है। चावेज़ की तस्वीर वाली टीशर्ट, उनके फ़ोटो और चावेज़ की आँखेंहर जगह दिखाई पड़ती हैं। मैंने मारिएला से पूछा कि बोलीवारियाई प्रक्रिया यदि विफल होती है तो कैकाची पर क्या असर होगा, तो उन्होंने पास में स्थित अमीरों के आलीशान अपार्टमेंटों की ओर इशारा करते हुए कहा, ‘अगर सरकार गिरती है, तो हमें बेदखल कर दिया जाएगा। हमअश्वेत, ग़रीब, मज़दूर लोगहमारे पास जो कुछ है उसे खो देंगे

 

 

मारिएला, रोज़ा, मारिया, और उनके जैसे लाखों लोगअश्वेत, ग़रीब, मज़दूर लोग‘, और आदिवासी हाशिए के लोगअपने साथ बोलीवारियाई क्रांति की नयी ऊर्जा लेकर चलते हैं। यह ऊर्जा 1998 में चावेज़ की चुनावी जीत के साथ शुरू हुई थी और आज भी बरक़रार है। यह भावना चाविस्टा नारे में स्पष्ट झलकती है हम अदृश्य हैं, हम अपराजेय हैं, हम कामयाब होंगे

बोलीवारियाई क्रांति का अध्ययन करने वाले अक्सर इस प्रक्रिया को समझने या परिभाषित करने के लिए इस या उस नीति की ओर इशारा करते हैं। लेकिन जिस बात पर बहुत कम ध्यान दिया जाता है वह है चावेज़ द्वारा अपने पंद्रह सालों के राष्ट्रपति काल के दौरान विकसित किया गया सिद्धांत। जैसे कि चावेज़ ने काम तो किए लेकिन उनके बारे में कभी सोचा हो, जैसे कि वे क्रांतिकारी प्रक्रिया के सिद्धांतकार नहीं थे। मज़दूर वर्ग के नेताओं और बुद्धिजीवियों के प्रति इस तरह का रवैया कपटपूर्ण है, जो उनकी बुद्धि की ताक़त को छोटा कर बिना सोचेसमझे या स्वतःस्फूर्त लिए गए निर्णयों में बदल देता है। लेकिन चावेज़ ने (और अन्य कई नेताओं ने) साबित किया है कि यह पूर्वाग्रह निराधार हैं। मैं जब भी चावेज़ से मिला, वे हर बार उन किताबों के बारे में बात करना चाहते थे जिन्हें वे पढ़ रहे होते। इन किताबों में निश्चित रूप से मार्क्सवादी क्लासिक रचनाएँ शामिल होती थीं, लेकिन उनके साथ ही वे लैटिन अमेरिका की नयी किताबें और विशेष रूप से एडुआर्डो गैलियानो की नवीनतम किताब ज़रूर पढ़ते थे। उन्होंने 2009 में एडुआर्डो गैलियानो की किताब ओपन वेन्स ऑफ़ लैटिन अमेरिकाअमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा को भेंट की थी। वे मौजूदा समय के बड़े विचारों और सवालों से परिचित रहते थे। वे इस सवाल पर विशेष चिंतन करते थे कि समृद्ध संसाधन से लैस एक ग़रीब देश (जैसे तेल से भरे वेनेज़ुएला में) समाजवाद के निर्माण की क्या चुनौतियाँ हैं। मारिएला, रोज़ा और मारिया जैसी महिलाओं द्वारा उनके साथ साझा किए गए विचारों पर चावेज़ लगातार चिंतन करते थे; और उनके आधार पर बन रहे सिद्धांतों का नीति के व्यावहारिक प्रयोगों के माध्यम से लगातार परीक्षण करते थे। बुर्जुआ आख्यान देश के साक्षरता मिशन को कुछ भी असाधारण नहीं थाकहकर तुरंत ख़ारिज कर देते हैं; और इस तरह वे मिशन के अंतर्निहित सिद्धांत और वेनेज़ुएलाई समाज पर उसके अहम प्रभाव के महत्व को भी नकार देते हैं। मिशन रॉबिन्सन का उद्देश्य केवल लोगों को पढ़ना सिखाना नहीं था, बल्कि येस आई कैनपाठ्यक्रम में राजनीतिक साक्षरता को भी प्रोत्साहित किया जाता है। जैसा कि चावेज़ ने 2004 में एक नवसाक्षर के बारे में कहा था, ‘वह बोलीवारियाई विचारों का अध्ययन कर रही हैं क्योंकि अब वो पढ़ सकती हैं। वो संविधान पढ़ सकती हैं। बोलीवार के लेखों को पढ़ सकती हैं।

यह नवसाक्षर अपने समुदाय की महिला नेताओं में शामिल हुई। एक और महिला, एलेसेंड्रा ट्रेस्पालेसियोस, ने एक बेहद ग़रीब क्षेत्र में चले सामाजिक कार्यक्रमों में भाग लिया और अल्टोस डी लिडिस कम्यून की सामुदायिक परिषद और स्वास्थ्य क्लिनिक के नेता बनीं। एलेसेंड्रा जैसी महिलाओं ने अपनी ग़रीबी उन्मूलन नीति के तहत अपने इलाक़े के बच्चों और बुज़ुर्गों का वज़न करना शुरू किया, और कम वज़न वालों को अपने स्टोर से अतिरिक्त भोजन देना शुरू किया। एलेसेंड्रा कहती हैं कि हम प्यार से प्रेरित हैं लेकिन वे उन क्रांतिकारी विचारों से भी प्रेरित हैं, जो उन्होंने और उनके साथियों ने मिशन रॉबिन्सन से सीखे थे।

ह्यूगो चावेज़ की मृत्यु की दसवीं वर्षगांठ पर हम, ट्राईकॉन्टिनेंटल: सामाजिक शोध संस्थान और सिमोन बोलीवार इंस्टीट्यूट फ़ॉर पीस एंड सॉलिडैरिटी (वेनेज़ुएला) द्वारा तैयार किया गया, अपना डोजियर नं. 61 स्ट्रेटेजिक रिवोल्यूशनरी थॉट एंड लिगेसी ऑफ़ ह्यूगो शावेज़ टेन इयर्स आफ़्टर हिज़ देथ‘ (फ़रवरी 2023) पेश कर रहे हैं। यह लेख चावेज़ के क्रांतिकारी सिद्धांत का एक प्रारंभिक विवरण है, जो शुरुआत में वेनेज़ुएला के लोगों के दैनिक जीवन को बेहतर बनाने, और आवास, स्वास्थ्य देखभाल तथा साक्षरता कार्यक्रमों के निर्माण की चुनौती पर केंद्रित था; लेकिन जिसमें आगे चल कर देश के उत्पादक संबंधों को बदलने और अमेरिकी साम्राज्यवाद से वेनेज़ुएला तथा लैटिन अमेरिका की संप्रभुता की रक्षा करने जैसे मुद्दे भी शामिल हुए। यह, जैसा कि हमारे डोजियर में हमने लिखा है, एक ऐसा सिद्धांत है जो जीवित है और पूरी तरह से क्रांतिकारी हैऔर यह कोई नुस्ख़ा या नीरस अकादमिक आख्यानों की एक सूचीनहीं है।

चावेज़ का चिंतन वेनेज़ुएला के मैदानी इलाक़ों में रहने वाली एक आदिवासी महिला की डेस्क से शुरू होता है, एक ऐसी महिला जिसने 1999 का संविधान पढ़ कर अपने शहर की नेता बनने की प्रेरणा हासिल की। यह महिला शायद बरिनास राज्य में स्थित सबनेटा की रहने वाली हो सकती है, जहाँ चावेज़ का जन्म 28 जुलाई 1954 को हुआ था। उनके सिद्धांत की शुरुआत हमेश यहीं से होती है।

हम आशा करते हैं कि आप बोलीवारियाई क्रांति को बेहतर ढंग से समझने के लिए हमारे डोज़ियर को पढ़ेंगे, साथ ही इसे अपने साथियों को भी पढ़ाएँगे और इसपर चर्चा करेंगे। कुछ साल पहले, काराकास स्थित 23 डी एनरो बैरियो में एल पैनल कम्यून का नेतृत्व करने वाली एनाकोना मारिन ने मुझसे कहा था कि, ‘अक्सर समाजवाद और कष्ट के बीच एक संबंध पेश किया जाता है। हमारे काम में, चावेज़ पद्धति के माध्यम से, यह संबंध टूट जाएगा। इसे केवल शब्दों से नहीं बल्कि कर्मों से तोड़ा जा सकता है। वह चाविस्मो है

स्नेहसहित,

विजय।