ब्रिक्स शक्ति का संतुलन बदल रहा है, लेकिन वो दुनिया को अकेले नहीं बदल पाएगा: 33वां न्यूज़लेटर (2023)
2011 में नाटो का आक्रमण और अब डेनियल तूफ़ान: तबाही के अवशेषों का ठौर बना लीबिया: 38वाँ न्यूज़लेटर
2011 में नाटो की बमबारी ने लीबिया के राजकीय संस्थानों को तबाह कर दिया और देश को गृहयुद्ध की अवस्था में धकेल दिया।
मानवता कई संकटों से मिलकर बने एक वृहद ‘बहुसंकट‘ (पॉलीक्राइसिस) से घिरी पड़ी है। जलवायु व पर्यावरण से लेकर ग़रीबी और भुखमरी जैसे सभी संकट पूँजीवाद की विफलता का परिणाम हैं। बहुसंकट के अनेक तत्वों में से एक है लैंगिक असमानता व महिलाओं के खिलाफ हिंसा की गहराती समस्या।
ब्रिक्स शिखर सम्मेलन के आखिरी दिन, संस्थापक देशों (ब्राजील, रूस, भारत, चीन और दक्षिण अफ्रीका) ने छह नए सदस्यों, अर्जेंटीना, मिस्र, इथियोपिया, ईरान, सऊदी अरब और संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) का ब्रिक्स में स्वागत किया।
उन्नीसवीं सदी के मध्य से 1960 तक अफ्रीका के साहेल क्षेत्र के अधिकांश देश फ्रांसीसी औपनिवेशिक शासन के अधीन रहे। लेकिन नव–औपनिवेशिक संरचनाओं के द्वारा इस क्षेत्र पर फ्रांस का दबदबा आज भी क़ायम है।