वे वेनेजुएला की अर्थव्यवस्था का दम घोंट रहे हैं: अठारहवाँ न्यूज़लेटर (2025)
वेनेजुएला के ख़िलाफ़ जारी अमेरिका के एकतरफ़ा दमनकारी उपाय इस देश और बोलिवारियन क्रांति को पूरी तरह बर्बाद कर देने की व्यापक साज़िश का हिस्सा हैं।

प्यारे दोस्तो,
ट्राईकॉन्टिनेंटल: सामाजिक शोध संस्थान की ओर से अभिवादन।
किसी भी राष्ट्र के सामने वे हालात नहीं होने चाहिए जिनका सामना वेनेजुएला 2017 से कर रहा है।
FACTS का जो ग्राफ़िक आप ऊपर देख रहे हैं उससे पता चलता है कि संयुक्त राज्य अमेरिका के नेतृत्व में जो प्रतिबंध (जिन्हें एकतरफ़ा दमनकारी उपाय या यूसीएम भी कहा जाता है) वेनेजुएला पर लगाए गए, उनकी वजह से इसे जनवरी 2017 से दिसंबर 2024 के बीच तेल बेचकर होने वाली आय में जो नुक़सान हुआ, वह इसकी जीडीपी के 213% के बराबर है। कुल मिलाकर वेनेजुएला को इस दौरान तक़रीबन 226 अरब अमेरिकी डॉलर का नुक़सान हुआ – यानी प्रतिदिन 770 लाख डॉलर। यह आँकड़ा ग्लोबल साउथ इन्साइट्स और ट्राईकॉन्टिनेंटल ने निकाला है जो कि वेनेजुएला के एक अर्थशास्त्री योसमेर अरेलान के शोध पर आधारित है। अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रम्प द्वारा अत्यधिक दबाव बनाने के अभियान से इतर वेनेजुएला के अनुमानित तेल उत्पादन के आँकड़े और वास्तविक आँकड़े की आपसी तुलना से यह निष्कर्ष निकला है।
2017 से पहले वेनेजुएला की निर्यात से होने वाली आय का 95% तेल निर्यात से आता था। मुख्यतः तेल से होने वाली आय से ही सरकार प्रगतिशील सामाजिक विकास योजनाएँ चलाती थी। अब इस नुक़सान से वेनेजुएला में मुद्रास्फीति बहुत बढ़ी है: सेंट्रल बैंक ऑफ़ वेनेजुएला के 2019 के आधिकारिक आँकड़ों के मुताबिक़ दो सालों के बीच सबसे ज़्यादा मुद्रास्फीति दर 344,510% थी, इसका मतलब है कि सिर्फ़ एक साल में चीज़ों के दाम 3,400 के हिसाब से बढ़े। यह किसी भी देश के लिए एक अकल्पनीय संकट है और उसकी जनता के लिए असहनीय बोझ।
वैसे तो 1988 में हूगो शावेज़ के पहली बार चुनाव जीतने के बाद से ही वेनेजुएला, अमेरिका और इसके सहयोगी देशों के हमलों का निशाना रहा है। लेकिन 2017 में ट्रम्प के इग्ज़ीक्यूटिव ऑर्डर 13808 ने प्रतिबंधों का जो नया दौर शुरू किया उसकी वजह से वेनेजुएला को अंतर्राष्ट्रीय बाज़ार से क़र्ज़ मिलना बंद हो गया, जिससे इसकी तेल उत्पादन की क्षमता पर बहुत असर पड़ा। इस ऑर्डर के तहत कोई अमेरिकी नागरिक वेनेजुएला की सरकार का क़र्ज़ नहीं ख़रीद सकता। उसे मौजूदा बौंड्स ख़रीदने की भी मनाही है ताकि ऋण का स्वरूप न बदले। इसके बाद जनवरी 2019 में Citgo (वेनेजुएला की राष्ट्रीय तेल उत्पादन कंपनी Petróleos de Venezuela, S.A. या पीडीवीएसए की अमेरिकी सहायक कंपनी) द्वारा लाभांश का भुगतान रोक दिया गया, जब इस कंपनी को ज़ब्त कर लिए गया और जुआन गुएदो के नियंत्रण में दे दिया गया। जुआन गुएदो को अमेरिका ने वेनेजुएला पर ‘राष्ट्रपति’ के तौर पर थोप दिया था। इस वजह से पीडीवीएसए को तेल की शिपमेंट सुनिश्चित करने, तेल के टैंकरों का बीमा करवाने, तेल के कुओं के रखरखाव और ख़ुद पर प्रतिबंध लगने की आशंका से डरे हुए ग़ैर-अमेरिकी लोगों से लेन-देन करने के लिए क्रेडिट लेटर नहीं मिले। इसके बाद ट्रम्प ने दो अतिरिक्त इग्ज़ीक्यूटिव ऑर्डर (1 नवंबर 2018 को 13850 और 25 जनवरी 2019 को 13857) और थोपे जिनसे वेनेजुएला के लिए अपने तेल उत्पादन के लिए वित्त प्राप्त करना और ख़रीदार खोजना और भी मुश्किल हो गया, ख़ासतौर से यूरोप और भारत में।
ट्रम्प ने वेनेजुएला की अर्थव्यवस्था को जितना हो सके उतना बर्बाद करने की कोशिश की।

(अमेरिकन ब्लैक ऑब्जेक्ट इन थ्री ब्लॉक्स), आज़्वॉल्ड विगस (वेनेजुएला), 1956
ट्रम्प प्रशासन को तुरंत पता चल गया कि इन इग्ज़ीक्यूटिव आदेशों के परिणाम कितने भयानक थे। 11 मार्च 2019 को असोसिएटेड प्रेस के मैट ली ने अमेरिका के विदेश मंत्री माइक पोम्पिओ से वेनेजुएला में यूसीएम की वजह से जो मानवीय संकट फैल गया था उसके बारे में सवाल पूछा। पोम्पिओ का जवाब एकदम स्पष्ट था:
फंदा कस रहा है। हर गुजरते घंटे के साथ मानवीय संकट गहराता जा रहा है। मैंने कल रात लगभग 7 या 8 बजे वेनेजुएला में अपने एक वरिष्ठ साथी से बात की। वेनेजुएला के लोगों का लगातार बढ़ता दुःख और पीड़ा साफ़ नज़र आ रही है।
यह ‘दुःख और पीड़ा’ इन यूसीएम के निशाने पर जो लोग थे उन्होंने महसूस की: वेनेजुएला की जनता ने। दो साल बाद मानव अधिकारों पर एकतरफ़ा दमनकारी उपायों के नकारात्मक प्रभाव के विषय में संयुक्त राष्ट्र (यूएन) की विशेष दूत एलेना दोहान ने वेनेजुएला का दौरा किया और यूएन मानव अधिकार काउन्सिल को एक रिपोर्ट सौंपी। दोहान ने जो देखा वह भयावह था: 2014 में तेल व्यापार के बर्बाद होने के बाद भोजन और दवाओं की कमी बहुत बड़े स्तर पर फैल चुकी थी, 2017 में ट्रम्प द्वारा अधिकतम दबाव बनाने की नीति के बाद यह संकट और भी भीषण हो गया। यह संकट 1998 की बोलिवारियन क्रांति के बाद जनता के जीवन स्तर में आए उल्लेखनीय सुधार से बिलकुल उलट था। जैसा कि दोहान ने लिखा, ‘2017 से और सख़्त होते प्रतिबंधों ने कई सुधारों के सकारात्मक प्रभावों और इंफ़्रास्ट्रक्चर की देखरेख तथा सामाजिक कार्यक्रमों को जारी रखने की राज्य की क्षमता को नष्ट किया है’। महत्त्वपूर्ण बात यह है कि उन्होंने स्पष्ट किया कि ‘मौजूदा मानवीय छूट अप्रभावी और अपर्याप्त हैं, लंबी और महंगी प्रक्रियाओं के अधीन हैं, और अर्थव्यवस्था और महत्त्वपूर्ण सार्वजनिक सेवाओं के रखरखाव और बहाली के लिए अपरिहार्य स्पेयर पार्ट्स या उपकरण और मशीनरी की डिलीवरी को कवर नहीं करती हैं‘। इसका मतलब है कि छूट के बावजूद वेनेजुएला की जनता ने तमाम यूसीएम की भारी क़ीमत चुकाई है, यह तथ्य हमने हाल ही में प्रकाशित हुए अपने डोसियर Imperialist War and Feminist Resistance in the Global South में पेश किया है।

Olivos y resistencia (ज़ैतून के पेड़ और प्रतिरोध), पाब्लो कलाका (वेनेजुएला), 2024
ट्रम्प और पाम्पीओ जैसे लोग यह प्रचारित कर रहे हैं कि इतनी आर्थिक बर्बादी कुप्रबंधन और भ्रष्टाचार की वजह से हुई है, लेकिन यह संभव नहीं कि महज़ सात सालों (2017-2024) में ऐसा हो जाए। जिसने भी वेनेजुएला की अर्थव्यवस्था का ग़ौर से अध्ययन किया है वह मानता है कि यह संकट 2017 के बाद ट्रम्प प्रशासन द्वारा सख़्ती से यूसीएम लागू करने से खड़ा हुआ है।
उस समय लैटिन अमेरिका पर नीतियों के लिए ट्रम्प की टीम में क्यूबाई वकील और राष्ट्रीय सुरक्षा काउन्सिल में पश्चिमी गोलार्द्ध के मामलों के वरिष्ठ डायरेक्टर मौरिसीयो क्लवेर-करोन जैसे लोग शामिल थे। क्लवेर-करोन को वेनेजुएला के ख़िलाफ़ ‘अधिकतम दबाव’ के ट्रम्प के अभियान का निर्माता कहा जाता है, उन्होंने ख़ुद ट्रम्प के इग्ज़ीक्यूटिव ऑर्डर लिखे थे। इंटर-अमेरिकन डेवेलपमेंट बैंक में एक स्कैंडल के बाद वह अब लैटिन अमेरिका में ट्रम्प के विशेष राजदूत हैं। क्लवेर-करोन का मक़सद है कि किसी भी तरह क्यूबा और बोलीवरियन क्रांति को निरस्त कर दिया जाए।

15 सितंबर 1970 को 15:25 पर चिली को लेकर अमेरिकी राष्ट्रपति रिचर्ड निक्सन के साथ मुलाक़ात के दौरान लिखे सीआईए डायरेक्टर रिचर्ड हेल्म्स के नोट, इस मुलाक़ात में जान मिचेल और हेनरी किसिंजर भी मौजूद थे।
अप्रैल 1976 में ख़ुफ़िया गतिविधियों से जुड़ी सरकारी कार्रवाइयों के अध्ययन के लिए यूनाइटेड स्टेट्स सीनेट सिलेक्ट कमेटी ने अपनी अंतिम रिपोर्ट प्रकाशित की, इस कमेटी के अध्यक्ष सेनेटर फ़्रैंक चर्च थे। Covert Action in Chile, 1963–1973 [चिली में गुप्त कार्रवाई, 1963-1973] नाम की सिलेक्ट कमेटी की स्टाफ़ रिपोर्ट में कई दस्तावेज़ पेश किए गए जिनसे पता चलता है कि कैसे राष्ट्रपति साल्वाडोर अलेंदे की सरकार को अस्थिर किया गया। 15 सितंबर 1970 को वाइट हाउस में राष्ट्रपति रिचर्ड निक्सन, अटॉर्नी जनरल जान मिचेल और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार हेनरी किसिंजर से सीआईए डायरेक्टर रिचर्ड हेल्म्स की मुलाक़ात के बारे में उनका लिखा एक नोट भी इन दस्तावेज़ों में शामिल है। सोशलिस्ट पार्टी ऑफ़ चिली के अलेंदे के राष्ट्रपति पद जीतने के ग्यारह दिन बाद यह मुलाक़ात हुई थी। निक्सन ने अपनी टीम को ‘सबसे बेहतरीन लोगों’ को काम पर लगाकर ‘चिली को बचाने’ की सलाह दी थी। इसके लिए तरीक़ा अपनाया जाना था: ‘अर्थव्यवस्था को बर्बाद कर दो’।
इस मुलाक़ात के कुछ हफ़्तों बाद, 9 नवंबर को किसिंजर ने नैशनल सिक्योरिटी डिसिज़न डायरेक्टिव मेमोरेंडम 93 फ़ाइल किया, जिसमें यह सब कैसे किया जाना था इसका विवरण था। किसिंजर ने लिखा कि एक ‘सटीक लेकिन शांत’ लोकछवि के साथ अमेरिका को पूरा दबाव बनाना चाहिए ताकि चिली को और वित्तीय सहायता न मिल सके, इनमें अंतर्राष्ट्रीय बैंकों और बहुपक्षीय वित्तीय संस्थान तथा अमेरिकी व्यापारियों से वित्तीय सहायता शामिल थी। चिली ने अपने ताँबे के व्यापार का राष्ट्रीयकरण कर दिया जिसके बाद केंनेकोट जैसी अमेरिकी बहुराष्ट्रीय खनिज कंपनियों ने कोशिश की कि चिली के जहाज़ों को बीच राह में रोककर उनका ताँबा ज़ब्त कर लिया जाए या यूरोपीय देशों सहित किसी अन्य देश को ताँबा बेचने से उन्हें रोका जाए। अमेरिका ने अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ़) पर अपने वर्चस्व का फ़ायदा उठाया ताकि चिली को क़र्ज़ न मिल सके और अंतर्राष्ट्रीय संस्थाओं पर दबाव बनाया कि चिली की खदानों पर जो क़ानूनी दावेदारियाँ दिखायी जा रही हैं उनके ख़िलाफ़ चिली मध्यस्थता की माँग न कर सके। शिपिंग कंपनियों ने चिली को नज़रंदाज़ करना शुरू कर दिया और इस देश का ताँबा निर्यात में ख़रीदारों की रुचि कम हो गई। चिली का विदेशी मुद्रा भंडार 80% ताँबे के निर्यात पर निर्भर था और ताँबे के दाम और निर्यात में आई कमी ने देश की अर्थव्यवस्था पर बहुत असर डाला। इसकी वजह से अर्थव्यवस्था में व्यापक संकट खड़ा हो गया यानी आयातित वस्तुओं और औद्योगिक सामान की सप्लाई में गिरावट आई और साथ ही 1973 में मुद्रास्फीति दर उछलकर 200% हो गई।

सैन्य तख़्तापलट से एक हफ़्ते पहले विक्टर ज़ारा (एकदम दायीं तरफ़) शांति और विकास के लिए मार्च करते हुए, 1973।
हमने अपने सितंबर 2023 के डोसियर तीसरी दुनिया के ख़िलाफ़ तख़्तापलट: चिली, 1973 में दिखाया था कि कैसे अलेंदे की सरकार का तख़्तापलट दरसल तीसरी दुनिया के देशों द्वारा अपने कच्चे माल पर संप्रभुता स्थापित करने और इससे होने वाले मुनाफ़े से समाजवादी अर्थव्यवस्था का निर्माण करने की कोशिश को बर्बाद करना था। ठीक यही वेनेजुएला के मामले में दिखाई दे रहा है। फ़रवरी 2019 में ट्रम्प ने क्यूबा, निकारागुआ, वेनेजुएला और समाजवाद के बारे में मियामी में एक भाषण दिया जिसमें उन्होंने घोषणा की ‘हमारे गोलार्द्ध में समाजवाद का अंतिम दौर आ चुका है’। ट्रम्प का मतलब सिर्फ़ लैटिन अमेरिका से ही नहीं बल्कि अमेरिका से भी था जिसके बारे में उन्होंने दबाव देते हुए कहा कि ‘कभी भी एक समाजवादी देश नहीं बन सकता’।
अमेरिका ने 1970 से 1973 के बीच जो चिली के साथ किया वही वह कम से कम 2017 से वेनेजुएला के साथ कर रहा है। 1972 में विक्टर ज़ारा ने चिली के ख़िलाफ़ जारी आर्थिक जंग की गहनता और इस जंग का चिली के लोगों द्वारा प्रतिरोध को अपने गीत El hombre es un creador (इंसान एक सृजनकर्ता है) में पेश किया। यह फ़ैक्टरियों और खेतों और खदानों में काम करने वाले मज़दूर वर्ग के बारे में लिखा गया सरल सा गीत है। इसका आख़िरी अनुच्छेद बेहद दमदार है:
Aprendí el vocabulario del amo, dueño y patrón, me mataron tantas veces por levantarles la voz, pero del suelo me paro, porque me prestan las manos, porque ahora no estoy solo, porque ahora somos tantos. |
अपने स्वामियों, मालिकों और साहिबों की
बोली मैंने सीख ली। उनके सामने आवाज़ उठाने के जुर्म में उन्होंने मुझे कितनी दफ़ा मार डाला, लेकिन मैं ज़मीन से फिर उठा, क्योंकि मेरा हाथ किसी ने थामा, क्योंकि मैं अब अकेला नहीं, क्योंकि अब हम कई सारे हैं। |
अलेंदे को जब उनके पद से जबरन हटाया गया तब विक्टर जारा को यातना दी गई और उनका क़त्ल कर दिया गया। सांतीआगो में उनकी क़ब्र सपने देखने वालों और सपनों के लिए मानो एक तीर्थ है। सपनों की बहुत क़ीमत है: वे हमें उम्मीद देते हैं। निक्सन और ट्रम्प, किसिंजर और क्लवेर-करोन जैसे लोगों की कड़वाहट से कहीं बेहतर हैं सपने।
सस्नेह,
विजय