अगस्त 2023 में हुए अपने पन्द्रहवें सम्मेलन में ब्रिक्स समूह ने जोहान्सबर्ग द्वितीय घोषणापत्र को अंगीकृत किया जिसमें, अन्य मुद्दों के अलावा, संयुक्त राष्ट्र और विशेष रूप से संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में सुधार का सवाल उठाया गया है। परिषद को वैश्विक जनसंख्या के वितरण के अनुरूप अधिक प्रतिनिधिक बनाने के लिए अफ्रीका, एशिया तथा लैटिन अमेरिका के देशों को स्थायी सदस्यता देने की माँग की गई है। पिछले दो दशकों से, सुरक्षा परिषद के स्थायी सदस्य (P5) अपनी वीटो शक्ति का इस्तेमाल कर ब्राजील, भारत और दक्षिण अफ्रीका को परिषद का स्थायी सदस्य बनने से रोकते रहे हैं। अब समय आ गया है कि सुरक्षा परिषद की सदस्यता सत्ता की ऐतिहासिक धुरी के बजाय क्षेत्रीय आधार पर आवंटित की जाए।