एक दौर था जब परमाणु-मुक्त यूरोप के नारे पूरे यूरोप महाद्वीप में गूँजते थे। लेकिन आज यूक्रेन में परमाणु सम्पन्न नाटो और परमाणु सम्पन्न रूस आमने-सामने हैं। यूएस और नाटो की तरफ से हाल ही में जो घोषणाएँ हुईं हैं, जैसे कि यूक्रेन को मुहैया कराए गए हथियारों का इस्तेमाल कर रूस की सीमाओं के अंदर सैन्य हमले करने की अनुमति दे देना, वो इस आग में घी डालने का काम कर रही हैं। ऐसे हमलों से रूस की तरफ से भी इतने ही भयानक जवाबी हमले का खतरा बढ़ गया है और साथ ही इस लड़ाई के यूक्रेन से बाहर फैलने का खतरा भी बढ़ता जा रहा है। यह कहने में कोई गुरेज़ नहीं कि यह परिस्थिति क्यूबाई मिसाइल संकट से ज़्यादा नहीं तो उसके जितनी खतरनाक तो है ही।
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