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खुले में शौच के लिए मजबूर बेघर स्त्रियां
बेघर लोगों का जीवन निश्चय ही बेहद कठिन होता है, ख़ासकर स्त्रियों का, लेकिन हमारी सामाजिक कंडीशनिंग मूल रूप से पितृसत्तात्मक है, शायद इसलिए हम उस नारकीयता की कल्पना ही नहीं कर पाते, जिसमें वे दिन रात रहती हैं।